लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर ) :- जी हां दोस्तों ये बात सोलह आने सच है। हंसना कहें या रोना ये क्रिया तो बच्चा अपने जन्म से ही सिखे रहता है। हंसना और रोना अब और क्यों चाहिए ये बात किसी माता पिता को अपने बच्चों को सिखाने की जरूरत नहीं पड़ती है। बचपन में बच्चे जितना खिलखिलाकर हंसते हैं बड़े होने के साथ साथ हंसी की तिव्रता कम होने लगती है।तब जोर से हंसने के स्थान पर धीरे से मुस्कुराया जाता है। आज कल की व्यस्त जिंदगी लोग हंसना भूल ही चुके हैं। मुस्कुराने से चेहरे की एक्सरसाइज तो होती ही है इसके अलावा मन भी हल्का होता है। आज हम आपको बताने की कोशिश करेंगे कि मुस्कुराना हमारे शरीर के लिए कितना आवश्यक है।
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1)- आम तौर पर देखा गया है कि जो लोग कम बोलने वाले होते हैं बहुत कम हंसते हैं ऐसे लोगों के चेहरे पर अधिक मात्रा में वसा जमने लगता है। ऐसे लोगों का शरीर जितना भी दुबला हो पर चेहरे के मोटापे के कारण व्यक्ति मोटा लगने लगता है।जो लोग ज्यादा मुस्कराते या फिर खुलके हंसते हैं उनके चेहरे की मांसपेशियों पर खिंचाव होता है इस कारण मांसपेशियों में लचक आती है और इस कारण वसा नहीं जम पाता है। चेहरा दुबला दिखता है। क्योंकि हर किसी की नजर पहले चेहरे पर ही जाती है इस कारण दिन में एक बार दिल खोलकर हंसना चाहिए। जो लोग ज्यादा तनाव में रहने वाले होते हैं ऐसे लोगों के माथे पर पहले झुर्रियां पड़ने लगती है।
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2)- मुस्कुराने से एक और भी फायदा मिलता है। जो व्यक्ति ज्यादा हंसते या मुस्कुराते हैं उन लोगों की त्वचा में एक अलग चमक दिखाई देने लगती है। अगर एक दुःखी व्यक्ति की तुलना एक हंसी खुशी व्यक्ति से की जाएं तो ज्यादा तौर पर देखा जाता है कि हंसी खुशी वाले व्यक्ति की त्वचा चमकदार और निखरी है। इसके विपरीत जो व्यक्ति दुःखी रहता है उसकी त्वचा बेजान और रूखी दिखने लगती है।इसे दूर करने के लिए ज्यादा से ज्यादा कौस्मैटिक्स का इस्तेमाल किया जाता है ये कुछ समय के लिए तो त्वचा को सुंदर बना देते हैं लेकिन इनके ज्यादा इस्तेमाल से त्वचा की हानी होती है।
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3)- मुस्कुराने से या हंसने से फैफडे मजबूत होते हैं। इनकी वायु धारण क्षमता बढ़ती है। जिन लोगों को अपने काम की व्यस्तता के कारण व्यायाम करने का समय नहीं मिल पाता है उनके लिए हंसना बहुत लाभदायक साबित हो सकता है।