यहाँ अनसुलझे रहस्यों से भरी पडी है महिला नागा साधुओं की दुनिया, जानिए इनके ऐसा बनने के पीछे की कहानी

लाइव हिंदी खबर :- कुंभ का मेला बेहद चर्चित है। हम में से बहुत लोग कुंभ के मेले में जा चुके हैं और जो नहीं गए हैं वो टेलीविजन के पर्दे पर इसके बारे में जरूर देखा होगा या फिर किताबों में निश्चित रूप से पढ़ा होगा। कुंभ के मेले में दूर-दराज से काफी साधु-संतगण आते हैं। इनमें नागा साधुओं की भीड़ भी देखने को मिल जाती है। पुरूष नागा साधुओं का देखा जाना आम है लेकिन क्या आपने कभी किसी महिला नागा साधु को देखा है?महिलाओं का नागा साधु बनना काफी कठिन है।

यहाँ अनसुलझे रहस्यों से भरी पडी है महिला नागा साधुओं की दुनिया, जानिए इनके ऐसा बनने के पीछे की कहानी

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि महिला नागा साधु बनने के लिए किन प्रक्रियाओं में से होकर गुजरना पड़ता है. जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि महिलाओं का नागा साधु बनना आसान नहीं है। इसके लिए 6 से 12 साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ता है।यदि आपकी तपस्या से आपके गुरू संतुष्ट हो जाते हैं तभी वो आपको दीक्षा प्रदान करते हैं। इन्हें हमेशा पीला वस्त्र लपेटकर रखना पड़ता है। यहां तक कि स्नान करते वक्त भी इन्हें ये कपड़ा शरीर पर डाले रहना पड़ता है।

जब कोई महिला नागा साधु बनती है तो उसे अखाड़े में उपस्थित सभी पुरूष साधु माता कहकर सम्मानित करते हैं। इनका काफी सम्मान किया जाता है। नागा साधु बनने के लिए उन्हें सभी मोह-माया का त्याग करना पड़ता है और ये बात साबित करनी पड़ती है कि उन्हें सांसारिक वस्तुओं से कोई मोह नहीं है। नागा साधु बनने से पहले इन महिलाओं का मुंडन करवा दिया जाता है और तत्पश्चात उन्हें किसी नदी में स्नान करना पड़ता है।

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