लाइव हिंदी खबर :- उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां मतदाता सूची में एक अविवाहित संत के 50 से अधिक “बेटे” दर्ज हैं। कांग्रेस ने इसे फर्जीवाड़ा बताते हुए चुनाव आयोग से जांच की मांग की है, जबकि संत समाज ने इसे हिंदू धर्म की परंपरा का हिस्सा बताया है।

यह मामला भेलूपुर क्षेत्र का है, जहां मतदाता सूची में स्वामी रामकमल दास को 50 से अधिक मतदाताओं का पिता दिखाया गया है। इनमें सबसे बड़े बेटे की उम्र 72 साल और सबसे छोटे की उम्र 28 साल है।
राम जानकी मठ मंदिर के प्रबंधक राम भारत शास्त्री ने सफाई देते हुए कहा कि यह गुरु-शिष्य परंपरा का हिस्सा है। आश्रम में रहने वाले शिष्य अपने गुरु को पिता मानते हैं, और यह परंपरा 2016 से कानूनी रूप से मान्य है।
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सनातन परंपरा को बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।