अधिक मीठे से बचें : फैट पैदा करने के लिए लिवर खुद एक फ्रक्टोज (शक्कर की एक किस्म) का उपयोग करता है। अत्यधिक शक्कर या मीठा खाने से इसे क्षति पहुंच सकती है।
ज्यादा नमक का प्रयोग : खाने में अत्यधिक नमक के प्रयोग से लिवर में तरल पदार्थ बनता है,जो फैटी लिवर रोग का कारण है। इससे लिवर में सूजन आती है।
सॉफ्ट ड्रिंक्स : इनमें आर्टिफिशियल स्वीटनर का प्रयोग किया जाता है। इन्हें ज्यादा मात्रा में लेने से नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर का खतरा बढ़ता है।
बाहरी खानपान : पैक्ड व बाहर की चीजों में ट्रांसफैट पाया जाता है जो मोटापे की एक मुख्य वजह है। इनसे परहेज करें क्योंकि ऐसे खाद्य पदार्थ कई तरह के रोगों की वजह बन सकते हैं।
विटामिन-ए : विटामिन-ए सप्लीमेंट्स का अत्यधिक प्रयोग लिवर के लिए नुकसानदायक है।
टैटू के उपकरण : टैटू बनाने बनाने वाले उपकरण उपयोग के बाद स्टेरिलाइज्ड नहीं किए जाएं तो हैपेटाइटिस के इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं। इससे लिवर प्रभावित होता है।
दर्दनिवारक दवा : एंटीडिप्रेसेंट्स, कार्टिकोस्टेराइड्स व कई दर्द निवारक दवाइयों से भी लिवर को नुकसान
होता है।
लीवर को साफ करने वाले फूड जैसे, लहसुन, प्याज, साबुत अनाज, बेर और ग्रीन टी आदि बहुत अच्छे माने जाते हैं। हम आपको कुछ हेल्दी टिप्स बताएंगे जिससे आप अपने लीवर को बचा सकते हैं।
सल्फर से भरपूर फूड : लीवर इंजाइमों का उत्पादन करता है जो कि सभी अंगो दृारा इस्तमाल किया जाता है। सल्फर से भरपूर आहारों का सेवन करें जैसे, अंकुरित अनाज, पत्ता गोभी और ब्रॉकली जैसी सब्जियां लीवर को इंजाइम उत्पादन करने में मदद करती है।
ऑलिव ऑयल : खाना पकाते समय आंच को मध्यम रखिये और उसमें ऑलिव ऑयल का प्रयोग कीजिये। इससे शरीर में फ्री रैडिकल्स नहीं बनेंगे ओर कोई कोशिका भी डैमेज नहीं हो पाएगी।
जैविक खाघ पदार्थों का सेवन : हमेशा जैविक खाद्य पदार्थों ही खाइये। इनमें कम कीटनाषक होते हैं और ये प्राकृतिक भी हैं। रसायन और कीटनाषक लीवर में जम जाते हैं जिन्हें निकाल पाना बहुत मुशकिल होता है।
कार्बोहाइड्रेट्स पर ध्यान : ज्यादा कार्ब वाले आहार लीवर में चर्बी जमा कर देते हैं। तो ऐसे में ज्यादा नमक और कार्बोहाइड्रेट वाले आहार कम खाएं