लाइव हिंदी खबर :- साम्य मंसूरी गुजरात राज्य के बारूच जिले की रहने वाली हैं। 18 साल की इस लड़की का जन्म बिना दाहिने हाथ के हुआ था। ऐसे में मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल ने देश में पहली बार अंग प्रत्यारोपण के जरिए उसके हाथ का सफल प्रत्यारोपण किया। इस बारे में बात करते हुए साम्या ने कहा, “जब से मुझे यह जानकारी मिली कि मेरा हैंड ट्रांसप्लांट होने वाला है, तब से मेरे मन में अपने नए हाथ से कई काम करने के सपने थे, जिसमें ड्राइविंग भी शामिल है।”
अभी पीसीए की पढ़ाई कर रही हैं, साम्य आगे एमसीए की पढ़ाई करना चाहती हैं। उसके बाद वह एक पुलिस अधिकारी बनना चाहता है और साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन टीम में शामिल होना चाहता है। साम्या आगे कहती हैं, ”काई के बिना मुझे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। जब मैं छोटी बच्ची थी, तो मेरे सहपाठी मुझे बिना हाथ के चिढ़ाते थे। इस वजह से मैंने सार्वजनिक जगहों पर जाने से भी परहेज किया। अब वे कुछ नहीं कह सकते। लोगों को अंग दान करने के लिए आगे आना चाहिए।
शाम्या की मां शहनाज मंसूरी कहती हैं, ”इस वक्त मैं धरती पर सबसे खुश इंसान होऊंगी। हम पिछले 5 साल से उसके लिए हाथ ढूंढ रहे थे। लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि 18 साल की उम्र के बाद ही सर्जरी की जा सकती है। साम्या 10 जनवरी को 18 साल की हो गईं और ट्रांसप्लांट के लिए बुक हो गईं। हमें हाथ की उपलब्धता के बारे में 6 दिन पहले फोन आया था।” सम्या का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर नीलेश सदाभाई कहते हैं, ”साम्या के रजिस्ट्रेशन के कुछ दिनों के भीतर ही हमें डोनर मिल गया। पिछले दो वर्षों में उन्हें कई सलाह दी गई हैं। उनकी जरूरत और विश्वास को देखते हुए हमने उनके लिए अंग प्रत्यारोपण करने का फैसला किया।