लाइव हिंदी खबर :- 11 मार्च 2014 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस और राज्य पुलिस छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के टाहकवाड़ा गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग पर गश्त कर रही थी. तभी करीब 150 माओवादी उग्रवादियों ने छिपकर उन पर हमला कर दिया. 2014 के लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले हुए इस हमले में 15 सुरक्षाकर्मी और एक ग्रामीण की मौत हो गई थी।
स्थानीय पुलिस ने इस हमले के सिलसिले में केवल 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. एनआईए ने मामले को स्वीकार कर लिया और इन चारों लोगों के खिलाफ जगदलपुर एनआईए कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया. ट्रायल 2016 में शुरू हुआ था.
इस मामले में कल जगदलपुर कोर्ट ने चारों लोगों महादेव नाग, दयाराम बागेल, मनीराम और कवासी जोगा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इस मामले में अदालत ने 84 गवाहों से पूछताछ की. उनमें से कई ने बस्तर क्षेत्र छोड़ दिया था, जिससे अदालत में गवाही देने में देरी हुई। एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि जांच 7 साल से ज्यादा समय तक खिंच गई है.