वैसे तो हर बीमारी बॉडी के लिए खतरनाक हो सकती है, लेकिन फिर भी कुछ बीमारियां ऐसी होती है जिन पर ध्यान देना ज़्यादा जरूरी होता है।
50 साल से ज्यादा उम्र के मरीजों को केवल अपने हाई ब्लड प्रेशर पर ध्यान देना चाहिए और निम्न ब्लड प्रेशर को नजरअंदाज कर देना चाहिए। 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए सिस्टॉलिक प्रेशर अगर 140 एएएचजी या ज्यादा होए तो इसे हाई माना जाता है।
यह कहना है हार्ट केयर से जुड़े विशेषज्ञों का। उनके मुताबिक सिस्टॉलिक ब्लड प्रेशर, इसकी रीडिंग में ऊपरी रीडिंग, दिल के पपिंग साइकल की शुरुआत में नोट किए जाने वाला नंबर होता है, जबकि डायस्टिोलिक प्रेशर रेस्टिंग साइकल के दौरान निम्नतम प्रेशर रिकार्ड करता है। ब्लड प्रेशर मापते वक्त दोनों को देखा जाता है।

जर्नल ऑफ लांसेट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिकए डायस्टोलिक प्रेशर पर जोर दिया गया है, जबकि मरीज सिस्टॉलिक प्रेशर पर उचित नियंत्रण नहीं रख पा रहे हैं। सच्चाई यह है कि 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को तो डायस्टोलिक माप की जरूरत भी नहीं है, केवल उन्हें सिस्टॉलिक ब्लड प्रेशर पर ध्यान देने की जरूरत है।