लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर ) :- गर्मी में प्यास लगने, थकावट आने पर पानी या जूस पीने या तरल पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है। इससे शरीर में तरलता बनी रहती है। थकान, कमजोरी, लू से बचाव होता है।
क्या आप जानते हैं
3- फलों के छिलकों में फाइटो न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो जूस में नहीं मिलते हैं।
4- स्वस्थ व्यक्ति 100-150 मिलीलीटर जूस पी सकता है।
नहीं मिलते फाइबर्स
ज्यादातर फल, सब्जियों, अनाजों में फाइबर्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। फलों-सब्जियों को जूस के रूप में लेने पर फाइबर्स बाहर ही रह जाते हैं। यह पाचन के लिए ठीक नहीं होता है।
किडनी रोगी लेने से बचें
जब हम फलों का रस लेते हैं, तो फ्रक्टोज तेजी से ख़ून में घुल जाता है। ख़ून में चीनी की मात्रा बढऩे से अग्न्याशय इंसुलिन स्रावित करता है, जो चीनी की मात्रा को नियंत्रित करता है। बार-बार होने से टाइप 2 डायबिटीज आशंका बढ़ती है। इसमें फ्रक्टोज की मात्रा ज्यादा होने से मोटापा बढ़ सकता है। किडनी के मरीजों को नहीं लेना चाहिए, क्योंकि पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है।