लाइव हिंदी खबर :- सृष्टि के प्रारम्भ से लेकर अब तक कोई भी सूरज तक नहीं पहुंच पाया है। क्योंकि सूरज का तापमान सहन करने की क्षमता किसी में नहीं है। जबकि हनुमानजी ने यह कारनामा डेढ़ करोड़ साल पहले ही कर दिखाया था।
रूस, अमरीका, जापान, चीन सहित दुनिया के दिग्गज देश सूरज पर पहुंचने की कोशिश ही करते आ रहे हैं, लेकिन अभी तक सफलता किसी के हाथ नहीं लगी। जबकि बजरंग बली ने आज से डेढ़ करोड़ साल पहले ही सूरज पर विजय प्राप्त कर ली थी।
पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान को अपनी बाल्यावस्था में सूरज को फल समझकर खाने की इच्छा हुई। बाल हनुमान निकल पड़े सूरज को खाने के लिए। सूरज के रास्ते में उनकी राहु ग्रह से मुटभेड़ हुई। राहु ने हनुमान जी को रोकने की भरसक कोशिश की, लेकिन वह असफल रहा।
घबरा कर राहु इन्द्र देव के पास सहायता के लिए पहुंचा। इन्द्र ने भी बालक हनुमान को रोकना चाहा, लेकिन तब तक हनुमान जी सूर्य को निगलना शुरू कर चुके थे। सूरज को हनुमान जी के मुंह से निकालने के लिए इन्द्र ने अपने वज्र से प्रहार किया।
बालक हनुमान वज्र का प्रहार सहन नहीं कर पाया और नीचे जा गिरा। इस प्रहार से हनुमान जी की बाई ठुड्डी टूट गई। इस पर पवनदेव को क्रोध आया और उन्होंने अपनी गति रोक दी।
इससे संसार के सारे प्राणी बिना हवा के छटपटाने लगे। इस स्थिति का पता चलते ही स्वयं ब्रह्मा जी देवताओं के साथ पवनदेव के पास गए। ब्रह्म देव ने हनुमानजी की मूर्छा को भंग किया और वरदान दिया कि उन पर जब तक वो ना चाहें कोई अस्त्र-शस्त्र असर नहीं करेगा। साथ ही अन्य देवताओं ने भी हनुमान जी को दुर्लभ और महाशक्तिशाली बना देने वाले वरदान दिए।