घर से भागे प्रेमी जोड़ों को मिलती है इस मंदिर में शरण, भगवान शिव स्वयं करते हैं उनकी रक्षा…

Mahashivratri 2021 Special Blessings Of Shiva On These 3 Zodiac Signs |  Mahashivratri 2021: इन 3 राशि वालों पर बरसती है भोलेनाथ की विशेष कृपा,  जानें इनके बारे मेंलाइव हिंदी खबर :-“दो प्यार करने वालों की मदद खुद भगवान करता है। पूरी दुनिया चाहे प्रेमी जोड़ियों के खिलाफ हो जाए लेकिन ऊपरवाला कभी उन जोड़ों का साथ नहीं छोड़ता”। आपने अक्सर ऐसी लाईनें फिल्मों में सुनी होंगी लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां सच में भगवान दो प्यार करने वालों की रक्षा करते हैं। यहां घर से भाग के आए प्रेमी जोड़ों को शरण मिलती है। हम बात कर रहे हैं शांघड गांव के देवता शंगचुल महादेव मंदिर की।

हर जाती और धर्म के प्रेमी जोड़ों को मिलती है शरण

हिमाचल प्रदेश जितना प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है उतना ही अपनी परंपराओं के लिए भी प्रख्यात है। हिमाचल के कुल्लु में स्थित शांघड गांव के देवता शंगचुल महादेव अपने यहां आए प्रेमियों को शरण देते हैं। मान्यता है कि इस स्थान पर स्वयं भगवान शिव प्रेमियों की रक्षा करते हैं। शंगचुल मंदिर पांडव कालीन ऐतिहासिक धरोहरों में से एक माना जाता है। किसी भी धर्म या जाति के प्रेमी जोड़े यहां पहुंचते हैं तो भगवान शिव उन्हें अपनी शरण में ले लेते हैं। महादेव मंदिर का सीमा क्षेत्र करीब 100 बीघा में फैला है। इस सीमा में आया हुआ हर युगल शिव की शरण में आया हुआ माना जाता है।

गांव में पुलिस के आने तक की है मनाही

इस अनोखे गांव और मंदिर की नियमों के अनुसार इस गांव में पुलिस के आने पर भी प्रतिबंध है। इसी के साथ कोई भी यहां पर शराब, सिगरेट और चमड़े का सामान लेकर नहीं आ सकता है। इसी गांव में किसी भी प्रकार के हथियार का इस्तेमाल नहीं किया जाता है और लड़ाई-झगड़े और ऊंची आवाज में बात नहीं करता है। गांव में देवता का फैसला ही सर्वमान्य होता है। यहां आए प्रेमी जोड़ों के मामले जब तक निपट नहीं जाते हैं, तब तक शंगचुल महादेव मंदिर के पंडित उन्हें भगवान शिव का मेहमान मानते हुए उनकी सेवा करते हैं।

पांडवों की भी की थी रक्षा

इस मंदिर के लिए पौराणिक मान्यता है कि महाभारत के काल में पांडवों को आज्ञातवास मिलने के बाद वो इस गांव में आए थे और इस स्थान पर कुछ समय के लिए रुके थे। पांडवों की हत्या करने के लिए कौरव भी इस स्थान पर आए तो शंगचुल महादेव ने कौरवों को रोका और कहा कि ये मेरा क्षेत्र है, जो भी मेरी शरण में आता है उसका कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता है। महादेव के क्रोध से डरकर कौरव वापस लौट गए थे। उसके बाद से जो भी समाज से ठुकराया प्रेमी युगल महादेव की शरण में आता है स्वयं शिव उनकी देखभाल करते हैं और उनकी परेशानियों को खत्म कर देते हैं।

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