जीवन में कभी भूलकर भी इन कार्यों को ना करें, अगर अशुभ प्रभाव से है बचना

Motivational Thoughts In Hindi Success Those Who Exploit Ego And Greed Do  Not Get Blessings Lakshmi Ji Know Safalta Ki Kunji | Safalta Ki Kunji : इन  कामों को करने से रूठ लाइव हिंदी खबर :- शास्त्रों के अनुसार रंग वाली होली से ठीक 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है। ये 8 दिनों का अशुभ काल होता है जिसके दौरान किसी भी शुभ कार्य को वर्जित माना जाता है। मान्या है कि इस दय्रान यदि शुभ कार्य कर लिया जाए तो वह फलित नहीं हो पाता है।

पुराणों के अनुसार होलाष्टक ऐसा समय होता है जब प्रकृति में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो जाता है। एक अपुरानिक कथा के अनुसार होलाष्टक के पहले दिन ही भगवान शिव ने कामदेव को भस्म किया था। कामदेव ने जब शिवजी की तपस्या भंग करने का प्रयास किया था तब करोड़ में आकर शिव जी ने उसे भस्म कर दिया था।

एक अन्य कथा के अनुसार होलाष्टक के प्रथम दिन ही दैत्य हिरण्यकश्यप ने भगवान से वरदान मिलने के बाद भक्त प्रह्लाद को अपना बंदी बनाया था। इन आठ दिनों तक प्रह्लाद को कई यातनाएं दी गईं। इसके बाद  दैत्य हिरण्यकश्यप और होलिका दोनों ने प्रह्लाद को जलाने का प्रयास किया लेकिन होलिका स्वयं ही जल गई। इस कहानी को आधार मानते हुए ही यहाँ कहा जाता है कि होली से पहले के आठ दिन अशुभ होते हैं और इस दौरान 16 संस्कारों में से एक भी संस्कार करना वर्जित माना जाता है।

पं दिवाकर त्रिपाठी जी की मानें तो होलाष्टक में केवल विपासा एवं रावती नदी के किनारे के समीपस्थ क्षेत्रों एवं व्यास-रावी तथा त्रिपुष्कर में ही विवाहादि शुभ कार्य वर्जित रहते है। इसके अलावा अन्य क्षेत्रो में इसका कोई दोष नहीं लगता है। लेकिन अगर आप भी अशुभ प्रभावों से बचना चाहते हैं तो जानें

होलाष्टक के दौरान क्या ना करें:

– होलाष्टक के आठ दिनों में शादी, भूमि पूजन, गृह प्रवेश आदि कार्य जो हिन्दू धर्म के 16 संस्कारों में आते हैं इन्हें नहीं करना चाहिए
– होलाष्टक के समय कोई नया काम या व्यवसाय भी आरम्भ करने से बचें
– होलाष्टक के पहले ही दिन दो डंडिया रखी जाती हैं। इसमें से एक डंडी होलिका की और दूसरी प्रह्लाद की होती है।
– डंडियों को स्थापित करने के लिए विशेष स्थान का चयन किया जाता है, वहां गंगाजल छिड़क कर डंडिया लगाई जाती हैं। फिर इसी स्थान पर होलिका दहन किया जाता है

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