अधिकमास का कारण जानकर होगी हैरानी, यहाँ विस्तार से पढें

Adhikmas 2020 What is Adhikmas 2020 Auspicious Timing Subh Sanyog and Subh Muhurat - Adhik Maas 2020: सर्वार्थसिद्धि से अमृतसिद्धि योग तक, इस साल अधिक मास में बन रहे कई शुभ संयोगलाइव हिंदी खबर :-सनातन धर्म में जहां अधिकमास यानि पुरुषोत्तम मास का खास महत्व है, वहीं विज्ञान के जानकार भी इस माह को कई मायनों में विशेष मानते हैं। जानकारों के अनुसार अंग्रेजी कैलेंडर के चलन के बाद आज की युवा पीढ़ी हिन्दी माह के नाम तक ठीक से समझ नहीं पाती है, जबकि सनातन धर्म में सारे त्यौहार हिन्दी माह पर ही आधारित होते हैं, ऐसे में वर्तमान में चल रहे आश्विन अधिकमास के संबंध में नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारु ने हिन्दी और अंग्रेजी कैलेन्डर की गणना का विज्ञान बताया।

सारिका के अनुसार हिंदी साल में 12 महीने होते हैं। यह साल लगभग 354 दिन का होता है। वहीं अंग्रेजी कैलेन्डर में भी 12 माह होते हैं, लेकिन यह लगभग 365 दिन और 6 घंटे का होता है। इस तरह हर साल इन वर्षों के बीच करीब 11 दिनों का फासला रह जाता है। यह अंतर तीन सालों में एक महीने के बराबर हो जाता है। इस अंतर को पाटने के लिए हर तीन साल में एक चंद्र महीना अतिरिक्त बढ़ा दिया जाता है। इसे ही अधिक मास कहते हैं।

सारिका ने बताया कि किस महीने को अधिकमास का दर्जा दिया जाए इसके लिए यह देखा जाता है कि जब अमावस्या से पूर्णिमा और फिर पूर्णिमा से अमावस्या आने तक यदि सक्रांति नहीं आती है, तो वह महीना ही अधिकमास कहलाता है।

क्या होती है संक्रांति-
सारिका ने जानकारी दी कि पृथ्वी के चारों ओर के आकाश को बारह राशि तारामंडल में बांटा गया है। पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा 12 अंग्रेजी माह में करती है। हर माह की एक खास दिनांक को सूर्य के पीछे दिखने वाला राशि तारामंडल बदल जाता है। इसे ही संक्रांति कहते हैं। यह आमतौर पर महीने की 14 से 17 तारीख के बीच होता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top