भारत के अजब गजब स्थान, जानिये यहां की मान्यताएं और इन जगहों की खासियत

लाइव हिंदी खबर :-यूं तो हर धर्म, पंथ या मजहब की अपनी अपनी मान्यताएं होती है, लेकिन कई बार कुछ स्थानों की भी अपनी एक अलग पहचान होती है। जिसके कारण वे जाने जाते हैं, जबकि कई बार उनकी यहीं अनोखी स्थिति उन्हें चर्चाओं में तक ला देती है।

आज हम भारत की उन जगहों की बात कर रहे हैं, जिनके कारण देश में ही नहीं विदेशों तक में इनकी खास पहचान बनी हुई है। दरअसल भारत की पहचान उसके अलग-अलग गांव की वजह से होती है। ये गांव ही है जिन्होंने संस्कृति को आज भी संभाल कर रखा है। इन्ही गांवों से भारत की ताकत बनी हुई है। लेकिन जहां भारत को विविधता में एकता का देश कहा जाता है, वहीं यहां लोग अपनी अलग-अलग मान्यताओं के साथ ज़िंदगी जीते हैं। ऐसे में आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे ही अनोखे गांवों के बारे में बताएंगे, जो अपनी अजीबो-गरीब मान्यताओं की वजह से चर्चा का विषय बने रहते हैं।

1. शनि शिंगणापुर (महाराष्ट्र)
महाराष्ट्र का एक ऐसा गांव जिसके एक भी घर में दरवाज़ा नहीं बनाया गया है। यहां शनिदेव का प्राचीन मंदिर स्थित है। मान्यता के अनुसार यहां चोरी करने वाला शनि देव के कोप से बच नहीं सकता। यहां तक कि यहां की दुकानें भी बगैर दरवाज़ों के बनी हुई है। यहां किसी प्रकार की चोरी की वारदातें नहीं होती।

2. कोडिन्ही (केरल)
यदि आपसे कोई ये कहे कि एक गांव में पैदा होने वाले सभी बच्चे जुड़वा होते हैं, तो शायद ही आप विश्वास करेंगे? लेकिन क्या आप जानते हैं कि केरल में एक ऐसा ही गांव है, जहां जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं। यह केरल के मल्लपुरम में बसा हुआ है, जहां रहने वाले को जुड़वा बच्चों का तोहफा मिलता है।

यहां करींब 400 जोड़ी बच्चे ऐसे हैं, जो जुड़वा पैदा हुए थे। आज तक कोई भी डॉक्टर ये पता लगाने में कामयाब नहीं हो सका है कि ऐसा क्यों हो रहा है। अब तो ये हालात हैं कि यहां ट्रिप्लेट यानी तीन बच्चों के एक साथ होने की खबरें भी बढ़ती जा रही हैं। हालांकि गांव वालों को इससे परेशानी भी हो रही है। क्योंकि कक्षाओं में ना तो शिक्षक बच्चों में अंतर कर पाते हैं, ना ही नवविवाहित जोड़े ये समझ पाते हैं कि उनका साथी कौन सा है। इसे लोगों ने ‘लैंड ऑफ़ ट्विन्स’ का नाम दिया है।

3. शेतफल (महाराष्ट्र)
महाराष्ट्र के इस गांव में पैर रखने से पहले लोग सौ बार सोचते हैं। इसकी वजह है, यहां के सांपों की आबादी। यह एक छोटा सा गांव है, जहां अब तक पक्के घरों का निर्माण नहीं करवाया गया है। यहां के हर घर में एक छेद ज़रूर बनाया जाता है। ये सांप घर के अंदर ही लोगों के साथ रहते हैं। यहां हर घर में सांप पाले जाते हैं।

हैरान करने वाली बात तो यह है कि यहां लोग सांप की सबसे ज़हरीली प्रजाति कोबरा को भी पालते है। लेकिन ये सांप न तो लोगों को काटते हैं और ना ही उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। इस स्थान को गांव के लोग देवस्थान मानते हैं। उनके अनुसार यहां देव आराम करते हैं।

4. जम्बुर (गुजरात)
गुजरात के इस गांव को अफ्रीकन विलेज के नाम से जाना जाता है। गुजरात के इस गांव में छोटा सा अफ्रीका बसता है। इसकी वजह ये है कि यहां रहने वाले लोग बिल्कुल अफ्रीकन दिखाई देते हैं पर ये असल में हिन्दुस्तानी ही हैं। ये गांव गिर के जंगल में बसा हुआ है, जिसे जम्बुर नाम दिया गया है।

यहां रहने वाले सिद्दी नामक आदिवासी प्रजाति के लोग हैं, जो बिल्कुल विशुद्ध गुजराती बोलते हैं। लेकिन ये अफ्रीका के बनतु प्रजाति से भी जुड़े हुए हैं। इनके रीति-रिवाज आज भी अफ्रीकन रीति-रिवाज़ों से मिलते-जुलते हैं।

इसे लेकर गांव को लेकर एक कहानी प्रचलित है, जिसके अनुसार कई सालों पहले यहां के राजा अफ्रीकन शेरों को अपने राज्य की शान बढ़ाने के लिए ले तो आए थे, लेकिन इन शेरों को ज़िंदा रखना बेहद मुश्किल हो रहा था। इसकी वजह से राजा ने कुछ लोगों को अफ्रिका से बुला लिया और बाद में यही प्रजाति गुजरात के इस हिस्से में बस गई और इनकी संख्या धीरे धीरे बढ़ती गई।

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