1. विरोधियों को ऐसे करें शांत…कोई कितनी भी कोशिश कर ले उसका कोई ना कोई विरोधी जरूर रहता है। ऐसे में जब कोई आपके पीठ के पीछे आपकी बुराई करता है या सफलता के रास्ते में रोड़े अटकाता है। तो तनाव होना एक सामान्य बात है।
पंडित शर्मा के अनुसार लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी का एक ऐसा भी मंत्र है, जो बिना किसी को नुकसान पहुंचाए,उसके मन में आपके विरोध में चल रही बातों को शांत कर देता है। माना जाता है कि इस मंत्र के उपयोग से आप अपने विरोधियों या शत्रुओं को शांत कर, अपने अनुकूल बनाने या अपने वश में भी कर सकते हैं।
बस इस मंत्र का आपको नियमबद्ध जप करना जरूरी है, वहीं जानकारों के अनुसार इसके जप से आश्चर्यजनक प्रभाव दिखने को मिलता है-
ये है मंत्र-
नृसिंहाय विद्महे, वज्र नखाय धी मही तन्नो नृसिहं प्रचोदयात्।।
कुछ खास उपाय, जो करते हैं हर इच्छा पूरी…
प्रथम उपाय : इस उपाय के तहत सावन के किसी भी मंगलवार को सुबह स्नान करने के बाद बड़ के पेड़ का एक पत्ता तोड़ें और इसे साफस्वच्छ पानी से धो लें। अब इस पत्ते को कुछ देर हनुमानजी की प्रतिमा के सामने रखें और इसके बाद इस पर केसर से श्रीराम लिखें।
अब इस पत्ते को अपने पर्स में रख लें। माना जाता है ऐसा करने से साल भर आपका पर्स पैसों से भरा रहेगा। इसके बाद जब दोबारा सावन का महीना आए तो इस पत्ते को किसी नदी में प्रवाहित कर दें और इसी प्रकार से एक और पत्ता अभिमंत्रित कर अपने पर्स में रख लें।
द्वितीय उपाय : सावन में किसी मंगलवार के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद बड़ के पेड़ से 11 या 21 पत्ते तोड़े लें। ध्यान रखें कि ये पत्ते पूरी तरह से साफ व साबूत हों। अब इन्हें स्वच्छ पानी से धो लें और इनके ऊपर चंदन से भगवान श्रीराम का नाम लिखें।
अब इन पत्तों की एक माला बनाएं। माला बनाने के लिए पूजामें उपयोग किए जाने वाले रंगीन धागे का इस्तेमाल करें। अब समीप स्थित किसी हनुमान मंदिर जाएंऔर हनुमान प्रतिमा को यह माला पहना दें। हनुमानजी को प्रसन्न करने का यह बहुत प्राचीन टोटका है।
तृतीय उपाय : वहीं पहले उपाय के अलावा सावन में मंगलवार के दिन किसी हनुमानजी के मंदिर जाएं और वहां बैठकर राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें। इसके बाद हनुमानजी को गुड़ और चने का भोग लगाएं। साथ जीवन में यदि कोई समस्या है तो उसका निवारण करने के लिए प्रार्थना करें। मान्यता है कि ऐसा करने से समस्या का हल निकल आता है।
चतुर्थ उपाय : यह उपाय भी सावन माह के किसी भी मंगलवार को किया जा सकता है। इसके तहत सुबह ब्रह्म मुहूर्त में नहा-धोकर साफ धुले हुए वस्त्र पहनें। इसके बाद नजदीक के हनुमान मंदिर में जाकर चमेली के तेल और सिंदूर मिश्रित चोला चढ़ाएं। साथ ही चोला चढ़ाते समय एक दीपक हनुमानजी के सामने जला कर रख दें। दीपक में भी चमेली के तेल का ही उपयोग करें।
अब चोला चढ़ाने के बाद हनुमानजी को गुलाब के फूल की माला पहनाएं और केवड़े का इत्र हनुमानजी की मूर्ति के दोनों कंधों पर थोड़ा-थोड़ा छिटक दें। अब एक साबूत पान का पत्ता लें और इसके ऊपर थोड़ा गुड़ व चना रख कर हनुमानजी को इसका भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद उसी स्थान पर थोड़ी देरअबैठकर तुलसी की माला से मंत्र का जप करें। यह जप कम से कम 5 माला अवश्य करें।
जप का मंत्र-
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्त्र नाम ततुल्यम राम नाम वरानने।।
इस जप के बाद अब हनुमानजी को चढाएं गए गुलाब के फूल की माला से एक फूल तोड़ कर उसे एक लाल कपड़े में लपेटकर अपने धन स्थान यानी तिजोरी में रखें। माना जाता है ऐसा करने से उसी समय में घर में धन आने लगेगा।
पंचम उपाय : इस उपाय के तहत सावन में मंगलवार के दिन किसी ऐसे मंदिर जाएं जहां भगवान शिव व हनुमानजी दोनों की ही प्रतिमा हो। वहां जाकर शिव व हनुमानजी की प्रतिमा के सामने शुद्ध घी के दीपक जलाएं। इसके बाद वहीं बैठकर शिव चालीसा और हनुमान चालीसा का पाठ करें। माना जाता है ऐसा करने से भक्त को भगवान शिव व हनुमानजी दोनों की ही कृपा आपको प्राप्त होगी।
षष्ठ उपाय : इसके तहत सावन के मंगलवार को पास ही स्थित किसी हनुमानजी मंदिर में जाएं और हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें और अपनी मनोकामना कहें। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से हनुमानजी प्रसन्न होते हैं और भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
सप्तम उपाय : इस उपाय के तहत मंगलवार के दिन घर में पारद से निर्मित हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित करें। पारद को रसराज कहा जाता है। तंत्र शास्त्र के अनुसार पारद से बनी हनुमान प्रतिमा की पूजा करने से बिगड़े काम भी बन जाते हैं। मान्यता है कि पारद से निर्मित हनुमान प्रतिमा को घर में रखने से सभी प्रकार के वास्तु दोष स्वतः ही दूर हो जाते हैं, साथ ही घर का वातावरण भी शुद्ध होता है।
इसकी प्रतिदिन पूजा करने से किसी भी प्रकार के तंत्र का असर घर में नहीं होता और न ही साधक पर किसी तंत्र क्रिया का प्रभाव पड़ता है। कहा जाता है कि यदि किसी को पितृदोष हो तो उसे प्रतिदिन पारद हनुमान प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए। इससे पितृदोष समाप्त हो जाता है।
किसी भी प्रकार के कष्ट से ये निजाद दिलाए:
यदि आप पर कोई संकट है तो सावन में किसी मंगलवार के दिन नीचे लिखे हनुमान मंत्र का विधि-विधान से जप करें। इसकी विधि इस प्रकार है कि सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि नित्य कर्मसे निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें। इसके बाद अपने माता-पिता, गुरु, इष्ट व कुल देवता को नमन करकुश का आसन ग्रहण करें। पारद हनुमान प्रतिमा के सामने इस मंत्र का जप करेंगे तो विशेष फलमिलता है। जप के लिए लाल हकीक की माला का प्रयोग करें।
मंत्र हैः
ऊं नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।।