इस महीने में स्नान, दान से मिलता है स्वर्गलोक, जानें किस समय स्नान और क्या दान करें

लाइव हिंदी खबर :-पौष मास की पूर्णिमा से माघ मास की पूर्णिमा तक चलने वाले स्नान को माघ स्नान कहा जाता है। माघ मास में स्नान करना बहुत ही पुणयदायी माना जाता है। इस दौरान प्रयाग में मेला भी लगता है जिसे कल्पवास कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार माघ महीने में स्नान करने वालों पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा बनी रहती है और सुख-सौभाग्य, धन-संतान व मोक्ष प्रदान करती है।

महाभारत में मिलता है माघ स्नान का महत्व

महाभारत के अनुशासन पर्व में माघ माह के स्नान, दान, उपवास और माधव पूजा का महत्व बताते हुए कहा गया है, कि इन दिनों में प्रयागराज में अनेक तीर्थों का समागम होता है। इसलिए जो प्रयाग या अन्य पवित्र नदियों में भी भक्तिभाव से स्नान करते है वह तमाम पापों से मुक्त होकर स्वर्गलोक के अधिकारी हो जाते है।

कब करें माघ स्नान

सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण में मकर संक्रांति के दिन से स्नान शुरु होता है। लेकिन कई जगहों पर यह स्नान पौष की पूर्णिमा के दिन से ही शुरु हो जाता है। वहीं स्नान का उत्तम व सही समय सूर्योदय से पूर्व माना जाता है। इसके अलावा मान्यताएं हैं कि माघ मास में प्रयाग में तीन बार स्नान करने का फल दस हजार अश्वमेघ यज्ञ से भी ज्यादा होता है। इसलिये माघ मास में स्नान बहुत शुभ माना जाता है।

माघ मास में जरुर दान करें ये चीज

इस मास में तिल, गुड़ और कंबल के दान का विशेष महत्त्व माना गया है। मत्स्य पुराण का कथन है कि माघ मास में जो व्यक्ति ब्रह्मवैवर्त पुराण का दान करता है उसे ब्रह्म लोक की प्राप्ति होती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top