परांठा –
घुटनों चलने वाले बच्चों को परांठा खिलाया जा सकता है पर ध्यान रखें कि परांठा बटर, ओलिव ऑयल या किसी अच्छे तेल में ही पकाया गया हो। परांठे का आकार छोटा रखें ताकि वह उसे आसानी से पकड़ सके।

सलाद-
गुड फूड हैबिट के लिए बच्चों को सलाद खिला सकते हैं। छोटे बच्चों की आदत हर चीज को खाने की होती है। ककड़ी, खीरा, गाजर और सेब आदि को बच्चे के हाथ में या छोटे पीस करके बच्चे को दें।

मूंग की दाल का मालपुआ –
यह टेस्टी और हैल्दी है। मूंग की दाल को कुछ घंटे पानी में भिगोने के बाद पीसकर पेस्ट बना लें। बहुत कम ऑयल में तवे पर सेंक लें। इसके बाद थोड़ा सा नमक मिलाकर छोटे आकार का मालपुआ बनाएं और बच्चे को दें।

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बिस्किट –
जिसका फ्लेवर स्ट्रॉन्ग न हो या जिनमें नट्स न हो यानी चबाना या निगलना आसान हो, ऐसे प्लेन बिस्किट पहले फिंगर फूड हैं, जो बच्चों को खिलाए जा सकते हैं।

इडली –
चावल, उड़द दाल या सूजी की इडली जैसे हल्के-फुल्के आहार बच्चों के लिए हैल्दी होते हैं। इससे उन्हें पेट से जुड़ी समस्या नहीं होगी और पेट भरा रहेगा।

बच्चा खुद खाए यह अच्छी बात है लेकिन 5-6 माह का होने पर खाना सिखाना पड़ता है। ब्रेस्ट फीडिंग से बच्चे की जीभ सक्रिय हो जाती है। उसका मुंह जिस फूड को संभाल नहीं सकता उसे जीभ मुंह से बाहर फेंकती है। इसलिए खाने की आदत डालते समय ऐसे सावधानी से उसे खाना सिखाएं ताकि कुछ उसके गले में न अटक जाए।

बच्चा जब खाने की चीजों को चबाने लगे तो उसे धीरे-धीरे चबाकर खाना सिखाएं। इसके लिए उसे छोटे-छोटे निवाले दें ताकि उसमें खाना खाने की आदत विकसित हो।

यह भी बच्चों को बनाएगा सेहतमंद –
दाल : दाल को नमक और हल्दी पाउडर डालकर कुकर में पका लीजिए। दाल और इसके पानी को अच्छे से मिलाएं। फिर आधा कप दाल में आधा चम्मच मक्खन डालकर चम्मच की मदद से पिलाएं।

चावल का माड़ : चावल बनाने के दौरान निकले माड़ में हल्का नमक या चीनी डालकर मिलाएं। थोड़ा सा मक्खन डालकर बच्चे को पिलाएं।

सूजी : एक कप सूजी में छोटा चम्मच देसी घी डालकर इसे ब्राउन होने तक भूने। जब भी खाना खिलाना हो 100 मिग्रा दूध गर्म करें और उसमें 2 चम्मच सूजी डालें। सूजी को पूरी तरह फूलने तक पका लीजिए। आधा चम्मच चीनी मिलाकर बच्चे को दी जा सकती है।

फल : केला, चीकू, पपीता या सेब को मैश कर थोड़ा-थोड़ा करके बच्चे को खिलाएं। इसके अलावा अंगूर या संतरे का ताजा रस (2 टेबल स्पून) पिला सकती हैं।