अलग-अलग वैरायटी शामिल करें –
न्यूट्रीशियन का मानना है, भोजन में रंग-बिरंगी सब्जियां, हैल्दी ऑयल, मेवे, दूध और फल आदि शामिल करने चाहिए। जापान में किए गए शोध के नतीजे बताते हैं कि भोजन में विविधता कायम रखने से न सिर्फ कई तरह के पोषक तत्त्व व विटामिंस मिलते हैं बल्कि आप फूड सेंसिटिविटी से भी सुरक्षित रह सकते हैं। मार्केट में उपलब्ध हर तरह की मौसमी सब्जियां और फल बदल-बदल कर खाने की आदत डालें। अगर आप मांसाहारी हैं तो हफ्ते का कम से कम एक दिन शाकाहारी भोजन के लिए तय करें।

संतुलित मात्रा-सुपाच्य हो भोजन –
जो भी खाएं वह भूख से 10-15 फीसदी कम खाएं। स्वाद के कारण या दबाव में अगर आपने जरा अधिक भोजन कर लिया है तो अगला भोजन हल्का लें। जैसे यदि पार्टी में आपने लंच अधिक ले लिया या मीठा व तला-भुना भोजन ज्यादा कर लिया है तो डिनर में हल्का भोजन करें। सलाद से काम चला सकें तो और भी बेहतर है। यदि आपने डिनर में हैवी खाना खाया है तो अगली सुबह फलों का ताजा रस और कच्ची सब्जियों का सलाद सही रहेगा।

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आकर्षक ही नहीं स्वास्थ्यवर्धक भी हो –
तेज मसालों और ज्यादा तेल में फ्राई भोजन देखने में भले ही सुंदर लगता हो लेकिन यह सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है। सुंदर दिखने वाले फूड की जगह ऐसा भोजन खाएं जो हल्का और आराम से पचने वाला हो। किसी शादी-पार्टी में भी मनपसंद पकवान के लालच में सेहत को न बिगाड़ें। इतना ही खाएं जितनी जरूरत है। यदि आप किसी रोग से ग्रसित हैं तो डाइट को कंट्रोल में रखेंं।