लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर) :- बदलती जीवन शैली में खानपान में भी बदलाव हुआ है। सही पोषक तत्वों से भरपूर आहार न लेने के कारण व्यक्ति का शरीर कम उम्र में कमजोर पड़ जाता हैं। कमजोर शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता की भी कमी हो जाती हैं जिससे व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ जाता हैं।
1. प्रतिदिन सुबह उठकर मंजन करने के बाद खाली पेट दो चम्मच आंवला जूस का सेवन करना चाहिए। इससे शरीर को भरपूर मात्रा में विटामिन सी मिलता हैं जिससे किसी मुंह और पेट से सम्बंधित सभी बीमारियों से हमेशा के लिए निजात मिलती हैं। ध्यान रहें आंवला जूस का सेवन करने के बाद 2 घण्टे तक कुछ भी ना खाएं।
2. एलोवेरा जूस का सेवन करने से सभी प्रकार के रोग समाप्त होते हैं। एलोवेरा एक औषधीय गुणों से भरपूर पौधा हैं। जिसका सेवन किसी भी रूप में किया जा सकता हैं। एलोवेरा की सब्जी, एलोवेरा जूस, या कच्चा एलोवेरा भी खाया जा सकता हैं। इसका सेवन करने से सभी प्रकार के चर्म रोग और गठिया एंव जोडों का दर्द ठीक हो जाता हैं। आयुर्वेद में इसे सौ रोगों की एक दवा बताया गया हैं।
3. करेला खाने में जितना कड़वा हैं उतना ही बड़ा गुणकारी भी हैं। करेले का सेवन सब्जी के रूप या जूस निकाल कर पीने से भी उतना ही फायदा होता हैं। करेले के जूस का नियमित रूप से सेवन करने से सभी प्रकार के अंदरूनी घाव या इंफेक्शन ठीक हो जाते है। इसके सेवन से ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों पर भी काबू पाया जा सकता हैं।
4. प्रतिदिन रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण एक पक गर्म पानी के साथ लेने से सभी प्रकार वात रोग दूर होते हैं। होने वाले सभी रोगों का मूल कारण पेट की खराबी हैं। त्रिफला का सेवन करने से पेट साफ हो जाता हैं तो आंतो में जमा अपशिष्ट भी साफ हो जाता हैं।
5. आंवला और एलोवेरा जूस के दो दो चम्मच पीने से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, धुंधलापन, हार्ट अटैक, गठिया, वात रोग, मोटापा, चर्म रोग, पेट दर्द, कमर दर्द आदि रोगों से हमेशा छुटकारा मिलता हैं।
हमारे द्वारा बताए गए सभी उपाय आयुर्वेद पर आधारित हैं जिसके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते।