लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर) :- हमारे देश में जड़ी बूटियों को आयुर्वेद में पहले स्थान पर रखा जाता है। क्योंकि भारत में आयुर्वेद को बहुत लंबे समय से अपनाया जा रहा है। जब लक्ष्मण को मेघनाद ने बाढ़ चलाकर मूर्छित कर दिया था तब लक्ष्मण के प्राण एक औषधि ने बचाए थे और वह औषधि एक जड़ी बूटी थी। जिसे हम सब संजीवनी के नाम से जानते हैं। इसी प्रकार भारत में और भी जड़ी बूटियां हैं जो व्यक्ति के शरीर को ठीक करने में कारगर साबित हुई है उन्हीं में से एक है मुलहठी। दोस्तों मुलेठी को कई नाम से जाना जाता है जिसे अंग्रेजी में इसे लिकोराइस बोलते हैं तथा आयुर्वेद की भाषा में यशतोमाधो कहा जाता है।

आपको जानकार आश्चर्य होगा कि मुलेठी को पूरे विश्व में जाना जाता है मुलेठी की चाय बड़ी ही स्वादिष्ट होती है। क्योंकि इसमें मीठापन होता है। अब आइए जानते हैं इसके फायदों के बारे में।
मुलेठी में वैसे तो कई सारे विटामिन जैसे कि विटामिन ई और विटामिन बी होता है। साथ ही फास्फोरस, कैल्शियम, कॉलिन, आयरन, पोटेशियम, सेलेनियम, सिलिकॉन और जिंक भी अच्छी मात्रा में होते हैं। इसके बावजूद मुलेठी के सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
गठिया के रोग मेंं
मुलेठी का पाउडर गठिया के रोग में बहुत ज्यादा फायदा करता है। दोस्तों इसके लिए आपको सिर्फ मुलेठी की चाय बनाकर पीनी पड़ेगी।
सर्दी जुकाम
क्या आपको हमेशा सर्दी जुकाम रहता है तो घबराने की कोई बात नहीं है अपने मुलेठी सर्दी जुकाम के लिए ही उत्तम औषधि है आपको मुलेठी की चाय बनाकर पीनी चाहिए या फिर शहर में मुलेठी का पाउडर लेकर चाटना चाहिए।
सांसों की दुर्गंध
सांसो की परेशानी यदि आपको हो रही है और आपके मुंह से दुर्गंध आती है। जिसकी वजह से आपका पार्टनर या आपका दोस्त आपसे दूर भाग जाता है तो अब घबराने की कोई बात नहीं है। आपको बस इतना करना है कि मुलेठी की एक लकड़ी लेकर रोज सुबह या शाम या जब भी आपको टाइम मिले इस लकड़ी को मुंह में डालकर चूसते रहना है। ऐसा करने से आपकी सांसों की सभी बीमारियां दूर हो जाएंगी। यहां तक कि आपके दांत भी साफ हो जाएंगे।
मुलेठी खाने से कब्ज की बीमारी ठीक हो जाती है क्योंकि यह पाचन क्रिया को सुधारता है।
यदि आपको बाल झड़ने की समस्या आ रही है और आप बहुत परेशान रह रहे हैंऔर इसका कोई निदान नहीं मिल रहा है तो घबराने की कोई बात नहीं है। इसके लिए आपको मुलेठी के पाउडर का पेस्ट बना लेना है अब इस पेस्ट को अपने बालों में जड़ों में लगाएं।