लाइव हिंदी खबर(हेल्थ टिप्स ) :- मां का दूध बच्चे के मानसिक व शारीरिक विकास के लिए बहुत ही जरूरी हाेता है, क्याेंकि इसमें वे सभी पाेषक तत्व पाए जाते हैं जाे बच्चे काे स्वस्थ रखने के लिए जरूरी हाेते हैं।मां का दूध बच्चे काे एलर्जी, संक्रमण आैर अन्य किसी गंभीर बीमारी से बचाने में मदद करता है।मां का दूध पीने वाले बच्चाें में अस्थमा, ल्यूकेमिया (बचपन के दौरान), मोटापा (बचपन के दौरान), कान में संक्रमण, एक्जिमा, दस्त और उल्टी, सांस संबंधी जैसे राेगाें के जोखिम कम होते हैं। एक्सपर्ट से जाने कि क्याें ब्रेस्टफीडिंग सिर्फ बच्वे के लिए ही नहीं मां के लिए भी बहुत फायदेमंद हाेती है:-

स्तनपान बच्चे के लिए ही नहीं बल्कि मां की सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद हाेता है।स्तनपान कराने वाली महिलाआें में ब्रेस्ट कैंसर, आेवेरियन कैंसर अाैर टार्इप-2 डायबिटिज जैसे राेग हाेने का खतरा कम हाेता है।स्तानपान कराने से मां काे अपना वजन कम करने में मदद मिलती है, क्याेंकि उनका शरीर बच्चे के लिए दूध की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करता है।शरीर मातृ वसा भंडार का उपयाेग दूध बनाने के लिए करता, जिसकी वजह से गर्भावस्था के दौरान संग्रहित वसा स्तनपान के दाैरान कम हाे जाती है।
क्या खाएं
स्तनपान कराने वाली माताआें काे प्रतिदिन लगभग 550 अतिरिक्त कैलोरी की आवश्यकता होती है।उन्हें अपनी डाइट में प्रोटीन, आयरन, विटामिन सी और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करने चाहिए।माैसमी फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, अंडा इन सब चीजाें की पूर्ति करते हैं।इसके अलावा उन्हें पानी, नारियल पानी, सूप, कम वसा वाले डेयरी प्राेडक्ट, सूखे मेवे आदि का सेवन भी पर्याप्त मात्रा में करना चाहिए।
स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए मेथी के बीज, सौंफ़ के बीज, शतावरी, जीरा जैसी गैलेक्टागॉग्स जड़ी बूटियां उनमें दूध की आपूर्ति बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।माताएं इन्हें लड्डू, सलाद, सूप, सब्जी व शरबत आदि के ताैर पर अपने आहार में शामिल कर सकती हैं।

ये ना खाएं
स्तनपान कराने वाली महिलाआें काे मछली, जैसे अल्बकोर टूना, स्वोर्डफ़िश, शार्क, और किंग मैकेरल अादि नहीं खानी चाहिए क्याेंकि इनमें उच्च स्तर पर पारा पाया जाता है।इसके अलावा चाय / कॉफी, गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे गोभी, फूलगोभी, बैगन, प्याज, लहसुन और ब्रोकोली आदि व मसालेदार भोजन, मूंगफली और शराब जैसी चीजाें का सेवन भी नहीं करना चाहिए। माताआें काे याद रखना हाेगा वाे जाे भी खाएंगी उसका सीधा असर उनके बच्चे की सेहत पर पड़ेगा।इसलिए नुकसान पहुंचाने वाले भाेजन दूरी बना कर रखें।