लाइव हिंदी खबर :- नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली द्वारा प्रोजेक्ट 39ए के तहत “भारत में मौत की सजा: वार्षिक सांख्यिकी 2022” शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी। इसे कहते हैं, 2021 में 146 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई। 2022 में 165 लोगों को सम्मानित किया गया है। 2022 में अकेले अहमदाबाद कोर्ट में 38 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है। 2016 में 163 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई थी।
अनूप सुरेंद्रनाथ, कानून के प्रोफेसर और प्रोजेक्ट 39A के कार्यकारी निदेशक ने कहा, 2020 में जब कोरोना महामारी की मार पड़ी, उस साल सिर्फ 77 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई। यह पिछले 20 साल में दी गई सबसे कम मौत की सजा है। 2022 में सबसे ज्यादा 165 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है, जो पिछले 20 सालों में सबसे ज्यादा है।
2016 में जेल में मौत की सजा पाने वाले कैदियों की संख्या 400 थी। दिसंबर 2022 तक यह बढ़कर 539 हो गई है। अधिकतम उ.प्र. जेलों में 100 मौत की सजा पाने वाले कैदी हैं। गुजरात में 61 और झारखंड में 46 हैं। जब उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की जाती है तो मृत्युदंड को कम कर दिया जाता है। कुछ मामलों में वे बरी हो जाते हैं। उसने यही कहा।