लाइव हिंदी खबर :-भारत में एक से बढ़कर एक मंदिर हैं जिसकी अपनी-अपनी मान्यता और परंपरा है। लोग अपनी आस्था के अनुसार मंदिर में जाते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं। अक्सर श्रद्धालु मंदिरों में जाकर देवी-देवताओं को लड्डु या कोई भी अन्य मिठाई का भोग लगाते हैं। लेकिन केरल में एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान को प्रसाद के रूप में चॉकलेट चढ़ाते हैं। बात थोड़ी हैरान कर देने वाली है, लेकिन सच है।
मंदिर के बारे में
यह अद्भुत मंदिर केरल के अलेप्पी या अलाप्पुझा में स्थित है। इस मंदिर की काफी मान्यता है, यहां आए दिन भक्तों की भारी भीड़ देखी जा सकती है। भक्तगण भगवान को चॉकलेट का भोग लगाते हैं और बाद में यही चॉकलेट उन्हें प्रसाद के रुप में मिलती है।
कौन हैं मुरुगन
यह मंदिर मुरुगन स्वामी को समर्पित है। मुरुगन, कार्तिकेय या सुब्रह्माण्यम भगवान शिव के पुत्रों के ही नाम हैं। बस अलग-अलग जगहों पर इन्हें अलग-अलग नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में हर धर्म, जाति और संप्रदाय के लोग भगवान मुरुग का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। जिसके लिए वे ढेर सारी चॉकलेट लाते हैं।
क्यों चढ़ाते हैं चॉकलेट
इस मंदिर में चॉकलेट चढ़ाने की परंपरा कुछ 8 साल पहले से शुरू हुई। इसके पीछे एक किंवदंती काफी प्रचलित है। माना जाता है कि मंदिर के पास के एक गांव में एक बच्चा बीमार था। बीमारी इतनी गंभीर थी कि बच्चे की बचने की उम्मीद कम थी। एक रात में सोते हुए बच्चे ने सपने में देखा कि वह भगवान मुरुगन को पुकार रहा है। सपने में हां दूसरे दिन वह अपने माता- पिता के साथ मंदिर आया है और मंच चॉकलेट भगवान मुरुगन के साथ साझा किया। बच्चे की मासूमियत के आगे हार मुरुगन भगवान ने मंच का चॉकलेट स्वीकर कर लिया। इसके बाद बच्चे की तबियत एकदम ठीक हो गई। धीरे-धीरे ये किंवदंती तेजी से बढ़ने लगी। उसके बाद से मंदिर में चॉकलेट चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई। अब मंदिर में प्रसाद के रुप में चॉकलेट को चढ़ाते भी हैं और प्रसाद के रुप में चॉकलेट वितरित भी करते हैं।