लाइव हिंदी खबर :- सुप्रीम कोर्ट ने कल 2022 से पहले बिना अनुमति के विरोध प्रदर्शन के कारण जनता को हुई परेशानी के मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर हाई कोर्ट द्वारा लगाए गए जुर्माने के आदेश पर रोक लगा दी। पिछले भाजपा शासनकाल में एक सरकारी ठेकेदार संतोष ने आत्महत्या कर ली थी। अपने द्वारा लिखे गए पत्र में मंत्री ईश्वरप्पा ने उल्लेख किया था कि उन्हें यह दुखद निर्णय लेना पड़ा क्योंकि उन पर 40 प्रतिशत कमीशन राशि मांगने का दबाव डाला गया था।
इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने ईश्वरप्पा को कैबिनेट से हटाने की मांग करते हुए 14 अप्रैल, 2022 को तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज पोमी के आवास का घेराव किया। उस समय विपक्ष के नेता रहे सिद्धारमैया के नेतृत्व में पुलिस ने यह दावा करते हुए मामला दर्ज किया था कि बेंगलुरु के रेसकोर्स रोड पर हुए विरोध प्रदर्शन से जनता प्रभावित हुई थी. इस पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने सिद्धारमैया, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला पर न सिर्फ 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और 6 मार्च को विशेष अदालत में पेश होने का आदेश दिया.
हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की, जिसके समक्ष जस्टिस ऋषिकेष रॉय, पी.के. मिश्रा की पीठ के समक्ष कल सुनवाई हुई। उस समय न्यायाधीशों ने उच्च न्यायालय द्वारा 6 मार्च को विशेष अदालत में पेश करने के आदेश और सिद्धारमैया, सुरजेवाला, सांसद, पाटिल और रामलिंगा रेड्डी पर लगाए गए 10,000 रुपये के जुर्माने को निलंबित कर दिया था. इसके अलावा इस संबंध में कर्नाटक सरकार ने याचिकाकर्ता को नोटिस भेजने का आदेश दिया और सुनवाई स्थगित कर दी.