लाइव हिंदी खबर :- झारखंड कांग्रेस के मंत्री आलमगीर आलम के सचिव के घर पर प्रवर्तन विभाग की छापेमारी और नकदी जब्त होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने निजी सचिव संजीव लाल और उनके नौकर को सोमवार रात गिरफ्तार कर लिया। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि संजीव लाल और जहांगीर आलम को धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है।
ट्रंक बॉक्स, पैसे के बड़े बैग: झारखंड में जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन का शासन चल रहा है. कांग्रेस पार्टी से आने वाले आलमगीर आलम ग्रामीण विकास मंत्री के पद पर हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने कल राजधानी रांची में उनके सहयोगी संजीव लाल के घर पर छापेमारी की. फिर एक कमरे में पैसे जब्त कर लिये गये. जहां अकेले उस कमरे से 32 करोड़ रुपये जब्त किए गए, वहीं दूसरी जगह से 3.23 करोड़ रुपये जब्त किए गए.
मामले की पृष्ठभूमि: झारखंड राज्य ग्रामीण विकास विभाग में रिश्वत लेने के मामले में सुरेश प्रसाद वर्मा नाम के जूनियर इंजीनियर को गिरफ्तार किया गया है. नवंबर 2019 में राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा उनके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई थी। उन पर हुई जांच में पता चला कि उन्होंने अपने चचेरे भाई आलोक रंजन के नाम पर संपत्ति जमा की है. आगे की जांच में पता चला कि सुरेश प्रसाद वर्मा का संबंध ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र के राम से था. मंत्री के खिलाफ हुई जांच के आधार पर अब उनके सचिव फंस गये हैं.
झारखंड में 13 तारीख से 4 चरणों में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में मंत्री के सचिव के घर से करोड़ों की रकम बरामद होने से हड़कंप मच गया है. झारखंड प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी कहते हैं कि जब मंत्री के घर में इतना पैसा फंसा है तो मंत्रियों के घर में कितना पैसा है? लेकिन वे परेशानी पैदा करने के लिए प्रवर्तन विभाग को दोषी ठहरा रहे हैं।