लाइव हिंदी खबर :- प्रवर्तन निदेशालय ने कल रांची में एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कोर्ट को बताया कि झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को प्रत्येक निविदा आवंटन के लिए 1.5 प्रतिशत का कमीशन मिला। ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार को टेंडर आवंटन के लिए रिश्वत लेने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल गिरफ्तार किया था. उनसे पूछताछ के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने पाया कि इस घोटाले में झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम और उनके निजी सचिव संजीव लाल शामिल थे.
इस महीने की शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय ने निजी सचिव संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के घर पर छापेमारी की थी. तब 33 करोड़ रुपये नकद जब्त किये गये थे. इसके बाद प्रवर्तन विभाग ने संजीव लाल और जहांगीर आलम दोनों को गिरफ्तार कर लिया. जहांगीर आलम कुछ समय से मंत्री आलमगीर के घर में काम कर रहा है. इसके आधार पर प्रवर्तन विभाग ने आलमगीर से गहन पूछताछ करते हुए उसे पिछले बुधवार को गिरफ्तार कर लिया.
उनकी गिरफ्तारी के संबंध में प्रवर्तन विभाग ने कल रांची में एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कोर्ट को बताया, “हर टेंडर आवंटन के लिए 1.5 प्रतिशत राशि मंत्री आलमगीर आलम को कमीशन के रूप में दी गई है. कमीशन की वसूली ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार ने की है. इस कमीशन का पैसा सहायक अभियंताओं के माध्यम से वितरित किया जाता है। 6 दिन की हिरासत: जांच से पता चला है कि इस घोटाले में आलमगीर आलम की अहम भूमिका है.’ गौरतलब है कि कोर्ट ने प्रवर्तन विभाग को मंत्री आलमगीर को 6 दिनों के लिए हिरासत में लेकर पूछताछ करने की इजाजत दे दी है.