लाइव हिंदी खबर :- मध्य प्रदेश के रायसन जिले में शराब की भट्टी में काम करने वाले 58 बाल मजदूरों को घायल अवस्था में बचाया गया। सैम डिस्टिलरीज एंड ब्रुअरीज मध्य प्रदेश के रायसन जिले में शराब की भठ्ठी संचालित करती है। चाइल्ड लेबर रेस्क्यू मूवमेंट (बीपीए) को जानकारी मिली कि बाल मजदूर दिन में 12 से 14 घंटे काम में लगे रहते हैं और उनके हाथ घायल हो जाते हैं। इसके बाद इसके निदेशक मनीष शर्मा ने शराब की भठ्ठी में काम कर रहे श्रमिकों को बचाने की कोशिश की। उन्होंने इस संबंध में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को जानकारी दी।
इसके बाद प्लांट का निरीक्षण किया गया। चूंकि बाल मजदूर वहां रसायनों और शराब के माहौल में काम करते थे, इसलिए उनके हाथ ऐसे दिखते थे जैसे वे जल गए हों। इसके बाद सरकार की मदद से शराब की भट्टी में काम करने वाले 39 लड़कों और 19 लड़कियों को बचाया गया। पीबीए के निदेशक मनीष शर्मा ने कहा, ”शराब की भट्टी शराब और रसायनों के दबाव का सामना नहीं कर सकी।
मैं कल्पना भी नहीं कर सकता कि ये बच्चे इतने लंबे समय तक वहां कैसे काम करते थे। हम अनुरोध करते हैं कि उन्हें काम पर रखने वाली शराब बनाने वाली कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस संबंध में म.प्र एक्स साइट पर मुख्यमंत्री मोहन यादव के संदेश में कहा गया है, गलत काम करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में श्रम कल्याण विभाग एवं पुलिस से विस्तृत जानकारी प्राप्त हो गयी है. उन्होंने कहा कि गलत काम करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं।