लाइव हिंदी खबर:- हमारे आस पास जितने भी पेड़ पौधे हैं यह सभी औषधीय गुणों से भरे होते हैं। पुराने जमाने में ऋषि मुनि इन्हीं सभी पेड़ पौधों से दवाइयां बनाकर अपने रोगों का इलाज किया करते थे। आज भी बहुत से आयुर्वेदिक दवाइयों में इन्हीं पेड़ पौधों का इस्तेमाल किया जाता है। इन्हीं में से एक पेड़ है जिसे हम कनेर के नाम से जानते हैं इसके आयुर्वेदिक गुण बहुत ज्यादा है और इसके फायदे इतने हैं कि हम बता कर थक जाएंगे।
- कनेर का प्रयोग जिसको काटने में पीठ के दर्द में, गले में सूजन आना, लकवा, नेत्र रोग, बिच्छू का विष, ततैया के काटने पर, खुजली होने पर, मूत्र कक्ष होने पर, पेट के कीड़े होने पर, घाव हो जाने पर, चर्म रोग हो जाने पर, चेहरे की सुंदरता बढ़ाने में, कुष्ठ रोग हो जाने पर, इन सभी बीमारियों में कनेर के पेड़ का प्रयोग किया जाता है।
- यदि आप को लकवा मार गया है तो ऐसी स्थिति में कनेर का पेड़ बहुत ज्यादा लाभदायक सिद्ध होता है। इसमें हमें कनेर का तेल बनाना होता है इस तेल में हमें कनेर के अलावा और भी चीजें मिलानी होती हैं। सफेद कनेर की मूली की छाल और काले धतूरे के पत्ते और गुंजा इन तीनों को मिलाकर के एक कप पानी में काढ़ा बना लीजिए। अब आपको एक कढ़ाई लेनी है और उसमें एक कप तेल डालकर उपयुक्त मिश्रण को उसमें डाल दीजिए और इसे धीमी आंच पर पकने दें। लीजिए आप का तेल बनकर तैयार है जिस व्यक्ति को लकवा मार गया है यह तेल उस व्यक्ति की हाथ पैरों में मालिश करें ऐसा करने से लकवा ठीक हो जाता है।
- जिन व्यक्तियों के दांत हिलने लगे हैं और वह खाना ढंग से नहीं खा पाते हैं क्योंकि उनके दांत बहुत ज्यादा दर्द करते हैं तो ऐसे ऐसे लोगों को सफेद रंग के कनेर की लकड़ी से दातुन करनी चाहिए ऐसा करने से आपके दांत मजबूत हो जायेंगे।