लाइव हिंदी खबर :- उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक शिक्षक पिछले 6 साल से सरकारी स्कूल से अनुपस्थित हैं. न केवल उन्हें नियमित रूप से वेतन मिलता था, बल्कि इसमें मदद करने वाले स्कूल के प्रिंसिपल को बर्खास्त कर दिया गया था। यूपी के मेरठ के परिदशीतगढ़ में एक मिडिल स्कूल चल रहा है। इसमें शिक्षिका के पद पर कार्यरत सुजाता यादव कई वर्षों से विद्यालय नहीं आ रही हैं. इससे विद्यार्थियों को शिक्षक के बिना कक्षाओं में परेशानी उठानी पड़ रही है। यूपी सरकार की जिला सरकारी स्कूलों की मुख्य अधिकारी आशा चौधरी को इसकी शिकायत मिली है.
उन्होंने त्रिस्तरीय जांच कमेटी गठित कर कार्यवाही शुरू कर दी है. इसमें शिक्षिका सुजाता यादव 2920 दिन पूर्व विद्यालय में कार्यरत पाई गईं। इसमें पाया गया कि शिक्षिका सुजाता इन 2920 दिनों में से केवल 759 दिन ही स्कूल आई थीं। इसके लिए उन्होंने कोई छुट्टी नहीं ली. इसके विपरीत शिक्षिका सुजाता की केवल उन दिनों की उपस्थिति दर्ज की गयी है, जब वह विद्यालय से अनुपस्थित थीं. यह भी पता चला है कि स्कूल के जिस प्रिंसिपल पर कार्रवाई होनी चाहिए, वह भी इसमें शामिल है। इसके चलते स्कूल की प्रिंसिपल के साथ-साथ शिक्षिका सुजाता यादव को भी बर्खास्त कर दिया गया है.
दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और कार्रवाई जारी है. ऐसी ही गड़बड़ियां यूपी के कई सरकारी स्कूलों में होती रही हैं. इसे रोकने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर दिन मोबाइल फोन पर ‘लाइव अटेंडेंस’ सिस्टम लागू किया. इसके बाद सरकारी स्कूलों में गलतियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. गौरतलब है कि इससे पहले एक शिक्षक एक ही समय में 12 स्कूलों में पकड़ा गया था और उसने करोड़ों की सरकारी सैलरी ली थी.