लाइव हिंदी खबर :-भारत देश आध्यात्मिकता का देश है। सैर-सपाटे की बात करें तो यहां के लोग खूबसूरत के साथ किसी ऐतिहासिक और धार्मिक जगह जाना भी पसंद करते हैं लेकिन हर बार इन तीनों ही चीजों का संगम नहीं होता। कहने का मतलब ये है कि देश में आप चाहे जहां चले जाएं ये तीनों ही चीज एक साथ देखने को नहीं मिलती लेकिन आज हम आपको जिस जगह के बारे में बताने जा रहे हैं उसका संबन्ध ना सिर्फ इतिहास से है बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी ये जगह भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आज हम आपको बताएंगें एक ऐसे ही खूबसूरत हिल स्टेशन के बारे में जहां सदियों पहले भगवान राम ने अपने वनवास के 11 साल बिताए थे।
गुजरात का सापूतारा इलाका वही इलाका है जहां भगवान राम ने वास किया था। अगर आप भी इस वीकेंड या हॉलिडे पर कहीं जाने की सोच रहे हैं तो आप गुजरात के सापूतारा में जा सकते हैं। खास बात ये है कि धार्मिक इस जगह पर ऐसा नहीं है कि आप सिर्फ अपने परिवार के साथ ही यहां जा सकते हैं बल्कि आप यहां की खूबसूरत वादियों और रोमांचक रास्तों पर अपने पार्टनर और दोस्तों के साथ भी जा सकते हैं।
सांपों का है घर
गुजरात के इस पर्वतीय इलाके सपूतारा के नाम का अर्थ होता है सांपों का घर। यहां कभी सांपों की कई सारी प्रजातियां पाई जाती थीं। यहां के बगीचों में बड़े-बड़े सीमेंट के सांप भी बनाएं गए हैं जो आपके सफर को रोमांचित बनाते हैं। यहां के जंगलों में आज भी सांपों की विभिन्न किस्में पाई जाती हैं। पहाड़ों पर स्थित इस जगह पर जाने वाला रास्ता कम घुमावदार होता हैं जहां आप बिना किसी परेशानी के आसानी से पहुंच सकते हैं।
मौसम हमेशा रहता है सुहाना
सदपुरा में गर्मी में भी सुहाना मौसम रहता है। हर सार इस जगह पर मॉनसून उत्सव भी मानाया जाता है। जिसमें रंगारंग कार्यकम के साथ डेयरिंग एक्टिविटीज, भोजन, खेल आदि जैसी चीजों का भी आयोजन भी किया जाता है। आप यहां अपने दोस्तों के साथ बोटिंग का मजा भी ले सकते हैं। यहां की मान्यता है कि भगवान राम ने यहां अपने वनवास के 11 साल बिताए थे। यही कारण भी है कि यहां श्रीराम की मंदिर भी कई जगहों पर आपको देखने को मिल जाएगी।
सनसेट और सनराइज का लें मजा
प्राकृतिक सुन्दरता से भरपूर इस स्थल पर आप सूर्योदय और सूर्यास्त के मनोरम दृश्य का भी आनंद ले सकते हैं। इसके साथ ही पहाड़ियों का खूबसूरत नजारा देखने के लिए आप रोप-वे का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, जो देश का सबसे लंबा रोप-वे है। इसकी लंबाई एक किलोमीटर है।
सापूतारा म्यूजियम
सापूतारा में, डांग नामक जनजातीय लोगों की आबादी काफी अधिक है। यह म्यूजियम पर्यटकों को नृत्य, उनकी वेशभूषा, पारिस्थितिकी, उनकी जीवन शैली को दर्शाते हैं। इसके अलावा, इस जगह पर ढेर सारे पक्षी, मिट्टी के उत्पाद और डांग द्वारा प्रयोग किए गए शरीर के टैटू प्रदर्शित हैं।
आर्टिस्ट विलेज
यहा जगह उन लोगो के लिए बेहद ही खास जो कला प्रेमी हैं। यह पूरा गांव सुंदर कलाकृतियों से युक्त एक सुंदर जगह, कलाकार गांव आगंतुकों के लियेहै, जहां आने वाले लोग न केवल कलाकृतियों का आनंद उठा सकते हैं,और खरीद सकते हैं बल्कि वहां की कुछ कारीगरी पर हाथ भी आजमा सकते हैं। इसके अलावा, उचित दाम पर गांव में ठहरने की भी व्यवस्था हो सकती है।