लाइव हिंदी खबर :- एक अध्ययन के अनुसार मुंबई क्षेत्र में पिछले 17 वर्षों में मलिन बस्तियों का क्षेत्र 8 से घटकर 7.3% हो गया है। जॉन ब्रिसेन के नेतृत्व में एक टीम ने मुंबई क्षेत्र में मलिन बस्तियों पर एक अध्ययन किया। उन्होंने इस अध्ययन के लिए उच्च रिज़ॉल्यूशन उपग्रह छवियों और अन्य डेटा का उपयोग किया। उन्होंने 2005 और 2022 के बीच उस परिदृश्य में बदलावों का मानचित्रण किया जहां आर्थिक रूप से वंचित मलिन बस्तियां स्थित हैं।
इसके अनुसार पिछले वर्ष 2005 में मुंबई क्षेत्र के कुल भूमि क्षेत्र में स्लम क्षेत्र की हिस्सेदारी 8 प्रतिशत थी। अध्ययन से पता चला कि 2022 तक यह घटकर 7.3 प्रतिशत हो जाएगी। हालाँकि कुछ इलाकों में स्लम एरिया कम हुआ है तो कुछ इलाकों में बढ़ा है। खासकर नवी मुंबई और मुंब्रा इलाके में स्लम एरिया में 35% की बढ़ोतरी हुई है। स्लम क्षेत्र 2005 में 12 वर्ग किमी से बढ़कर 2022 में 16.1% हो गया।
इसी तरह अध्ययन से पता चला कि पिछले 17 वर्षों में जल निकायों और रेलवे पटरियों के पास झुग्गियों की संख्या में भी काफी कमी आई है। जल निकायों के 100 मीटर के भीतर 7% या 1.8 वर्ग किमी स्लम क्षेत्र। कमी आई है। रेलवे ट्रैक के 100 मीटर के दायरे में 11.5% या 3.7 वर्ग किमी स्लम क्षेत्र। अध्ययन में कहा गया है कि इसमें कमी आयी है.