लाइव हिंदी खबर :- राजधानी बेंगलुरु की सड़कों पर इन दिनों बाइक टैक्सियों का संचालन देखने को मिल रहा है। इस बीच कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और संबंधित विभागों को स्पष्ट किया कि अदालत ने अभी तक इस सेवा को शुरू करने की अनुमति नहीं दी है।

हालांकि अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि जब तक अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक सरकार न तो यात्रियों को और न ही बाइक मालिकों को अनावश्यक रूप से परेशान करे। अदालत का मानना है कि इस मामले को संवेदनशीलता और व्यावहारिक दृष्टिकोण से देखने की ज़रूरत है।
गौरतलब है कि बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में ट्रैफिक जाम और सार्वजनिक परिवहन की सीमित सुविधा के कारण लोग वैकल्पिक साधनों की तलाश में रहते हैं। बाइक टैक्सी सेवा एक तेज़ और किफायती विकल्प साबित हो सकती है। लेकिन इस सेवा को लेकर नियमों की स्पष्टता न होने और लाइसेंसिंग संबंधी विवाद के चलते स्थिति उलझी हुई है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि बाइक टैक्सी से रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे और नागरिकों को राहत मिलेगी। वहीं सरकार का तर्क है कि उचित नियमन के बिना सुरक्षा और यातायात व्यवस्था पर असर पड़ सकता है।
हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक सरकार को संतुलित रवैया अपनाने की सलाह दी है। अदालत ने कहा कि जब तक नीतिगत निर्णय नहीं हो जाता, तब तक बाइक टैक्सी सेवा पर सीधे रोक लगाने या यात्रियों व चालकों को दंडित करने की आवश्यकता नहीं है।
इस मामले ने एक बार फिर शहरी परिवहन में सुधार और वैकल्पिक साधनों की ज़रूरत पर बहस छेड़ दी है।