लाइव हिंदी खबर :- भारत ने विमानन क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए एयर टैक्सी और ड्रोन के लिए अपना स्वदेशी उड़ान योग्यता नियम (Airworthiness Norms) लागू कर दिया है। इसके साथ ही देश अब विदेशी मानकों पर निर्भर रहने के बजाय अपनी खुद की तकनीकी और सुरक्षा प्रणाली के आधार पर ड्रोन और एयर टैक्सी को प्रमाणित करेगा।

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के अनुसार, इस नए नियम के लागू होने से एयर टैक्सी और उन्नत ड्रोन सेवाओं के संचालन का रास्ता साफ होगा। अभी तक भारत को अमेरिका और यूरोप जैसे देशों के मानकों पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे तकनीकी मंजूरी में समय और पैसा दोनों ज्यादा लगते थे।
नए नियम के तहत अब भारत में बने ड्रोन और एयर टैक्सी न केवल घरेलू जरूरतें पूरी करेंगे, बल्कि निर्यात की भी संभावना बढ़ेगी। इससे देश की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को मजबूती मिलेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भविष्य में शहरी परिवहन के नए युग की शुरुआत करेगा। आने वाले वर्षों में एयर टैक्सी सेवाएं भी बड़े शहरों में ट्रैफिक जाम से निपटने का एक विकल्प बन सकती हैं। वहीं, कृषि, रक्षा, निगरानी और डिलीवरी सेवाओं में भी ड्रोन का दायरा तेजी से बढ़ेगा।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि इस नियम से भारतीय कंपनियों को प्रोत्साहन मिलेगा और देश ड्रोन टेक्नोलॉजी के वैश्विक केंद्र के रूप में उभर सकता है।
यह बदलाव न केवल तकनीकी स्वतंत्रता की ओर इशारा करता है, बल्कि भारत को भविष्य की हवाई क्रांति के लिए तैयार भी करता है।