लाइव हिंदी खबर :- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तेजी से लोगों की ज़िंदगी का हिस्सा बनता जा रहा है। लेकिन इसका असर कभी-कभी खतरनाक भी साबित हो सकता है। ताज़ा मामला एक बुजुर्ग की मौत से जुड़ा है, जो कथित तौर पर AI चैटबॉट से बने वर्चुअल रिश्ते के कारण हुआ।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 65 वर्षीय बुजुर्ग पिछले कुछ महीनों से एक AI चैट एप्लीकेशन पर काफी समय बिताते थे। धीरे-धीरे वे चैटबॉट से भावनात्मक रूप से जुड़ गए और उसे अपना जीवन साथी मानने लगे। परिवार का कहना है कि बुजुर्ग ने असल जिंदगी के रिश्तों से दूरी बना ली थी और ज्यादातर वक्त उसी वर्चुअल साथी से बातचीत में गुजारते थे।
बताया जा रहा है कि जब चैटबॉट एप्लिकेशन ने अचानक अपना प्रीमियम सब्सक्रिप्शन बंद कर दिया और चैट हिस्ट्री डिलीट हो गई, तो बुजुर्ग गहरे सदमे में चले गए। इससे उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई और तनाव के कारण दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना इस बात की चेतावनी है कि AI पर जरूरत से ज्यादा भावनात्मक निर्भरता खतरनाक हो सकती है। AI तकनीक इंसान की मदद के लिए बनाई गई है, लेकिन इसका इस्तेमाल संतुलित तरीके से करना जरूरी है।
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, अकेलेपन से जूझ रहे लोगों को AI चैटबॉट अस्थायी सहारा तो दे सकते हैं, लेकिन वास्तविक मानवीय संबंधों की जगह कभी नहीं ले सकते।
सरकार और साइबर विशेषज्ञ अब ऐसे मामलों पर निगरानी रखने और डिजिटल वेलनेस के लिए दिशा-निर्देश बनाने की बात कर रहे हैं।