लाइव हिंदी खबर :- राज्य के चर्चित धर्मस्थल मामले में बड़ा उलटफेर हुआ है। इस केस में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यक्ति को ही SIT ने गिरफ्तार कर लिया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसे जबरन लाशें जलाने और दफनाने के लिए मजबूर किया गया, लेकिन SIT की जांच में उसके बयान और उपलब्ध दस्तावेजों में गंभीर विरोधाभास पाए गए।

मामला तब सुर्खियों में आया जब शिकायतकर्ता ने धार्मिक संस्था से जुड़े कुछ लोगों पर गंभीर आरोप लगाए। उसने कहा कि उसे संस्था के दबाव में अवैध तरीके से मृत शरीरों को ठिकाने लगाने का काम कराया गया। इन आरोपों के बाद राज्य सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।
SIT ने जांच के दौरान घटनास्थल का दौरा किया, दस्तावेजों और रजिस्टरों की जांच की और संबंधित गवाहों के बयान लिए। जांच में यह सामने आया कि शिकायतकर्ता के बयान कई बार बदले गए और उपलब्ध दस्तावेजों से मेल नहीं खाते। SIT का कहना है कि शिकायतकर्ता ने जांच को गुमराह करने की कोशिश की है।
इसके आधार पर उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई और बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए आगे की जांच गोपनीय तरीके से जारी रहेगी।
इस गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक हलकों में भी हलचल तेज हो गई है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार मामले को दबाने की कोशिश कर रही है, जबकि सत्तारूढ़ दल का कहना है कि जांच पूरी तरह पारदर्शी और तथ्यों पर आधारित है।
फिलहाल SIT ने साफ किया है कि जांच अभी अधूरी है और सभी पहलुओं की गहराई से पड़ताल की जाएगी। वहीं आम जनता में इस घटना ने तरह-तरह की चर्चाओं को जन्म दिया है।