लाइव हिंदी खबर :- AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। भागवत ने नागपुर में RSS शताब्दी वर्ष कार्यक्रम के दौरान कहा था कि जनसंख्या स्थिर रखने के लिए हर भारतीय को 3 बच्चों के बारे में सोचना चाहिए।

ओवैसी ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर RSS लोगों के निजी जीवन में क्यों दखल देना चाहती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं पर जबरन 3 बच्चों का बोझ डालना उनके अधिकारों और स्वास्थ्य के खिलाफ है। ओवैसी ने आरोप लगाया कि RSS और उससे जुड़े लोग समाज को नियंत्रित करने की सोच रखते हैं और व्यक्तिगत आज़ादी का सम्मान नहीं करते।
AIMIM नेता ने यह भी कहा कि देश में पहले से ही बेरोजगारी और गरीबी जैसी गंभीर चुनौतियां मौजूद हैं। ऐसे में लोगों को बच्चों की संख्या के बारे में निर्देश देना अव्यावहारिक है। उन्होंने कहा कि यह महिलाओं पर अतिरिक्त दबाव डालने जैसा है, जबकि उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और समान अवसर देने की बात होनी चाहिए।
इस बयान पर राजनीतिक हलकों में बहस छिड़ गई है। भाजपा और RSS समर्थकों का कहना है कि भागवत का मकसद समाज को जनसंख्या संतुलन पर जागरूक करना था। वहीं विपक्षी खेमे का मानना है कि यह मुद्दा व्यक्तिगत अधिकारों से जुड़ा है और इस पर किसी तरह का दबाव नहीं डाला जाना चाहिए।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह विवाद आने वाले दिनों में और गर्मा सकता है क्योंकि यह सीधे परिवार, अधिकार और विचारधारा से जुड़ा हुआ मुद्दा है।