महाकाल गर्भगृह में आम भक्तों को भी अनुमति मिले, इंदौर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

लाइव हिंदी खबर :- उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इंदौर हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में सवाल उठाया गया है कि जब नेताओं, वीआईपी और रसूखदारों को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दी जाती है, तो आम भक्तों को क्यों रोका जाता है।

महाकाल गर्भगृह में आम भक्तों को भी अनुमति मिले, इंदौर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई कि सभी भक्त भगवान महाकाल के समान हैं और गर्भगृह में प्रवेश का अधिकार हर श्रद्धालु को होना चाहिए। उनका कहना था कि मंदिर प्रशासन केवल वीआईपी लोगों को प्राथमिकता देता है, जबकि साधारण भक्तों को बाहर से ही दर्शन करने को मजबूर किया जाता है।

अदालत में सुनवाई के दौरान यह भी दलील दी गई कि महाकाल मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, और यहां हर दिन हजारों लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में भेदभावपूर्ण व्यवस्था धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाती है।

मंदिर प्रशासन की ओर से जवाब दिया गया कि सुरक्षा, भीड़-प्रबंधन और गर्भगृह की संरचनात्मक सीमाओं के कारण सभी को प्रवेश देना संभव नहीं है। प्रशासन का कहना था कि गर्भगृह छोटा है और एक साथ बड़ी संख्या में भक्तों को प्रवेश देने से अव्यवस्था और हादसे की आशंका रहती है।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इंदौर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत का निर्णय आने वाले दिनों में यह तय करेगा कि महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं को एंट्री मिलेगी या नहीं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top