गिलहरी ने परिवार से मिलने के लिए 8 साल तक की कठोर तपस्या, पूरी कहानी जान रो पड़ेंगे आप

लाइव हिंदी खबर :- वाक्या अमेरिका के कोरोलिना शहर से जुड़ा साल 2009 का है, एक उल्लू ने गिलहरी पर हमला कर दिया था। उल्लू के हमले में गिलहरी को काफी चोटें आई थीं। उस वक्त ब्रेंटली हैरिसन ने गंभीर हालत में पड़ी गिलहरी की मदद की और उसकी जान बचा ली। ब्रेंटली हैरिसन और उनके परिवार ने गिलहरी को अपने घर में रहने के लिए जगह दी और उसकी पूरी देखभाल भी की। ब्रेंटली और उनकी फैमिली ने उल्लू के हमले में घायल गिलहरी का इलाज भी कराया। ब्रेंटली हैरिसन की मानें तो हमले के वक्त गिलहरी की उम्र महज चार महीने के आस-पास होगी। लेकिन उन्होंने ये कभी नहीं सोचा था कि उनकी मदद के बाद बची गिलहरी आने वाले समय में उन्हें एक बार फिर से मिल जाएगी।

गिलहरी ने परिवार से मिलने के लिए 8 साल तक की कठोर तपस्या, पूरी कहानी जान रो पड़ेंगे आप

ब्रेंटली और उनकी फैमिली गिलहरी के लिए मनपसंद खाने का भी पूरा इंतज़ाम करते थे। उन्होंने गिलहरी को बुलाने के लिए ‘बेल्ला’ नाम भी रख दिया। ब्रेंटली ने घायल गिलहरी का पूरा ख्याल रखा, और जब वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गई तो उसे पास के ही एक जंगल में छोड़ दिया। लेकिन बेल्ला, हैरिसन की फैमिली से इतना जुड़ गई थी कि वह रोजाना जंगल से उनके घर जा पहुंचती थी। बेल्ला हैरिसन के घर की खिड़कियों पर जाकर बैठ जाती थी। बेल्ला लगातार आठ सालों तक ऐसे ही हैरिसन के घर पहुंच जाती थी और उनकी फैमिली के साथ खेलती थी और अपना मनपसंद खाना खाती थी।

लेकिन एक दिन फिर बेल्ला के पैर में चोट लग गई, वो जब हैरिसन के घर पहुंची तो उन्होंने तुरंत बेल्ला की चोट को देख लिया। जिसके बाद फिर से उन्होंने बेल्ला का इलाज शुरू कर दिया। फिर एक दिन जब वे बेल्ला को देखने के लिए उसके पिंजरे के पास पहुंचे तो उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। बेल्ला तीन बच्चों की मां बन चुकी थी। इसके साथ ही बेल्ला को एक नया परिवार मिल गया, जबकि उससे पहले हैरिसन का परिवार ही बेल्ला का परिवार था। बेल्ला का परिवार अब काफी बड़ा हो चुका था, मानो वह इसी के लिए पिछले आठ सालों से तपस्या कर रही थी।

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