घर में पढ़ें ये मंत्र नहीं आएगी नाकारात्मक ऊर्जा

घर में पढ़ें ये मंत्र नहीं आएगी नाकारात्मक ऊर्जा

लाइव हिंदी खबर :-कर्मचारियों के वर्क एट होम के चलते जहां एक ओर कई लोग वेट गेन की सोच से परेशान है, वहीं ज्योतिष कोरोना संक्रमण को नाकारात्मक ऊर्जा से जोड़ कर देख रहे हैं।

ऐसे में जहां जानकार लोगों को इस लॉक डाउन के बीच घर में योगा की सलाह दे रहे हैं। वहीं ज्योतिष के जानकारों के अनुसार कोरोना जैसे वायरस एक तरह की नाकारात्मक ऊर्जा का ही परिणाम है, ऐसे में यदि हम घर पर हैं। तो वहां सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने का काम करना चाहिए। जिससे नाकारात्मक ऊर्जा हमारे घर या हमारी ओर न आ सके।

ये कर सकते हैं नाकारात्मक उर्जा दूर करने के लिए…
इस संबंध में पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि कहीं भी आने वाली परेशानी के पीछे एक मुख्य कारण निगेटिव एनर्जी भी होती है। ऐसे में यदि आपको घर पर ही रहने का समय मिला है, तो आपको अपने घरों से नाकारात्मक उर्जा को बाहर कर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाना चाहिए।

इसके तहत कुछ मंत्रों का जाप किया जा सकता है, जिससे एक ओर जहां आपका समय घर में आसानी से कट जाएगा, वहीं यह आपके घर की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने का भी कार्य करेंगे। इसके लिए हम ये खास तरीके अपना सकते हैं…

1. ये हैं अति विशेष मंत्र! देंगे राहत…
श्री मार्कण्डेय पुराण में श्री दुर्गासप्तशती में किसी भी बीमारी या महामारी का उपाय देवी के स्तुति तथा मंत्र द्वारा बताया गया है जो कि अत्यंत प्रभावकारी माने जाते हैं…

रोग नाश के लिए…
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥

महामारी नाश के लिए…
ऊँ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।

दरअसल मां दुर्गा की आराधना के लिए विशेष रूप से दुर्गा सप्तशती पाठ किया जाता है। इसका पाठ शुभ की प्राप्ति, अनिष्ट का नाश व सुख-समृद्धि प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

2. महामृत्युंजय मंत्र जाप करें: mahamrityunjay mantra
शिवपूजन में कई तरह के मंत्रों का जाप किया जाता है और कार्यसिद्धि के लिए इन मंत्रों की संख्या भी अलग होती है, लेकिन शिव शंभू को उनका एक मंत्र बहुत प्रिय है। और वह है महामृत्युंजय मंत्र। मान्यता के अनुसार यह एक ऐसा मंत्र है, जिसका जप करने से मनुष्य मौत पर भी विजय प्राप्त कर सकता है। शास्त्रों में अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग संख्याओं में मंत्र के जप का विधान है।

मंत्र : ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥

मान्यता: किस समस्या में इस मंत्र का कितने बार करें जाप…
– भय से छुटकारा पाने के लिए 1100 मंत्र का जप किया जाता है।
-रोगों से मुक्ति के लिए 11000 मंत्रों का जप किया जाता है।
-पुत्र की प्राप्ति के लिए, उन्नति के लिए, अकाल मृत्यु से बचने के लिए सवा लाख की संख्या में मंत्र जप करना अनिवार्य है।
– यदि साधक पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ यह साधना करें, तो वांछित फल की प्राप्ति की प्रबल संभावना रहती है।

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