जानें शनिदोष से बचने के उपाय, इस साल इन राशियों पर रहेगी शनि की तिरछी नजर

जानें शनिदोष से बचने के उपाय, इस साल इन राशियों पर रहेगी शनि की तिरछी नजर

लाइव हिंदी खबर :-शनि को न्याय का देवता माने जाने का कारण ये है कि माना जाता है कि शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर दंड देते हैं। ऐसे में शनि ज्योतिष में अत्यधिक महत्व वाला ग्रह माना गया है।

ज्योतिष के जानकारों के अनुसार कुंडली देखने से लेकर समय ज्योतिष के संपुर्ण आंकलन में शनिदेव का विशेष महत्व होता है। सभी ग्रहों में शनि को कर्मफलदाता और न्यायाधिपति माना गया है। कुंडली में शनि की स्थिति और दृष्टि बहुत ही मायने रखती है। जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ भाव में रहते हैं उन्हें तमाम तरह की परेशानियां आती हैं।

शनि सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं। शनि एक राशि में ढाई वर्ष तक भ्रमण करते हैं। जिन जातकों पर शनि की शुभ दृष्टि रहती है उनके ऊपर अगर साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होती है तो भी शुभ फल प्रदान करते हैं।

वहीं जिन जातकों पर शनि की अशुभ दृष्टि पड़ती है उनको कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। शनि जिस राशि में होते हैं उसके साथ ही उस राशि से दूसरी और द्वादश राशि पर शनि की साढ़ेसाती सवार रहती है। आइए जानते हैं साल 2021 में किन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और किन पर ढैय्या का प्रभाव रहेगा…

2021 में इन राशियों पर रहेगी पूरे वर्ष शनि की साढ़ेसाती
शनि 2021 में राशि नहीं बदलेंगे जिस कारण से धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर पूरे वर्ष शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा।

2021 में शनि की ढैय्या
मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव पूरे वर्ष रहेगा।

ये हैं शनि दोष से मुक्ति के खास उपाय
– प्रत्येक शनिवार को शनि देव के लिए उपवास रखें और शनि मंदिर जाकर शनिदेव को तेल अर्पित करें।
– शनिवार की शाम को पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
– शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए हनुमानजी की पूजा और नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें।

शनि देव की पूजा विधि
– शनि देव की पूजा करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि शनिदेव की आंखों में भूलकर भी न देखें। बल्कि शनिदेव की चरणों की तरफ ध्यान देना चाहिए।
– शनिदेव की शिलारूप में पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। उसी मंदिर में पूजा आराधना करनी चाहिए जहां शनिदेव शिला के रूप में विराजमान हों।
– शमी और पीपल के पेड़ की आराधना करने से शनिदेव कम कष्ट देते हैं।
– शनि देव को दीपक जलाना चाहिए।

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