भगवान शंकर और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए अपनाये ये तरीके,होगा लाभ

भगवान शंकर और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए अपनाये ये तरीके,होगा लाभलाइव हिंदी खबर :-प्रदोष व्रत भगवान शिव के लिए रखा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार होता है, पौराणिक मान्यता के अनुसार हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत  मनाया जाता है। प्रदोष व्रत वैसे तो माह में दो बार आता है। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष धार्मिक महत्व है।

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूरा विधि.विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है। पौराणिक मान्यता है कि प्रदोष काल में ही भगवान शिव कैलाश पर्वत पर नृत्य करते हैं। साथ ही यह भी धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव के सभी भक्तों को सभी कष्टों और दुखों से मुक्ति मिल जाती है। प्रदोष व्रत रखने और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से भक्त के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

प्रदोष व्रत पूजा विधि : Puja Vidhi of pradosh
– प्रदोष व्रत करने के लिए सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें.

– इसके बाद भगवान शिव को जल चढ़ाकर भगवान शिव का मंत्र जपें.

– प्रदोष काल में भगवान शिव को शमी, बेल पत्र, कनेर, चावल, धूप, दीप, फल, दान और सुपारी आदि का चढ़ावा लगाएं.

– इसके बाद शिव मंत्र का जाप करें.

भगवान शिव के मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः।

प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव का दिन होता हैण् इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती हैण् इस दिन शिव पुराण और भगवान शिव के मंत्रों का जाप किया जाता है. मान्यता है कि प्रदोष का व्रत सबसे पहले चंद्रदेव ने किया था, माना जाता है कि श्राप के कारण चंद्रदेव को क्षय रोग हो गया था. पौराणिक मान्यताओं के अनुसारए प्रदोष व्रत रखने से भक्त पर हमेशा भगवान शिव की कृपा बनी रहती है, इसके अलावा व्रती के दुख और दरिद्रता दूर होती है.

माना जाता है कि शाप के कारण चंद्रदेव को क्षय रोग हो गया था। इससे मुक्ति पाने के लिए चंद्रदेव ने हर माह में आने वाली त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव के लिए प्रदोष का व्रत रखना शुरू किया। भगवान शिव और पार्वती की असीम अनुकम्पा से चंद्रदेव का क्षय रोग समाप्त हो गया।

ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति हर महीने प्रदोष का व्रत रखता है उस पर भगवान शिव और पार्वती की असीम कृपा बनी रहती है और उसे दुखों से मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि अगर आपको संतान प्राप्ति की इच्छा है तो आप शनिवार के दिन पड़ने वाला प्रदोष व्रत रखेए फल अवश्य ही मिलता है। लंबी आयु की कामना के लिए रविवार को पड़ने वाला व्रत फलदायी होता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top