दुनिया की सबसे अनोखी चीजों से भरा हुआ है ये प्राचीन मंदिर, भीम के ढोल के साथ रखा हुआ है विशाल गेहूं का एक दाना

लाइव हिंदी खबर :- हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए काफी मशहूर है। इसके साथ ही यहां कई सारे प्राचीन मंदिर भी हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही एक प्राचीन मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो यहां काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर का नाम ममलेश्वर मंदिर है जो कि हिमाचल की कारसोंग घाटी में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव और पार्वती मां को समर्पित है।

दुनिया की अनोखी चीजों से भरा हुआ है ये प्राचीन मंदिर, भीम के ढोल के साथ रखा हुआ है विशाल गेहूं का एक दाना

इस मंदिर में एक विशालकाय ढोल रखा हुआ है। इस ढोल की लंबाई 2 मीटर और ऊंचाई 3 फीट है। यहां लोगों का ऐसा कहना है कि ये ढोल महाभारत के समय से यहां रखा हुआ है। इस ढोल के बारे में कहा जाता है कि ये ढोल महाबलशाली भीम का है। लोगों का ऐसा मानना है कि अज्ञातवास के समय पांडवों ने इस स्थान पर कुछ वक्त बिताया था।ऐसा कहा जाता है कि जब भीम अकेले होते थे तब वो इस ढोल को बजाया करते थे।

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इस ढोल के साथ ही ममलेश्वर मंदिर में गेहूं का एक दाना भी रखा हुआ है। इस एक दाने का वजन लगभग 250 ग्राम है। कहते हैं कि इस गेहूं को पांडवों ने उगाया था। ममलेश्वर मंदिर में एक अग्नि कुंड भी है जो करीब पांच हजार सालों से लगातार जल रहा है। इस अग्नि कुंड के बारे में एक कहानी भी प्रचलित है। ऐसा माना जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव यहां कुछ समय तक ठहरे थे। उस दौरान गांव में एक राक्षस ने पास ही स्थित एक गुफा में अपना डेरा जमाया हुआ था।

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राक्षस के प्रकोप से गांव को बचाने के लिए लोगों ने एक समझौता किया था कि वो प्रतिदिन एक इंसान को राक्षस के पास भोजन स्वरूप भेजेंगे। एक दिन उस लड़के का नंबर आया जिसके घर पांडव रूके हुए थे। लड़के की मां अपने बेटे के लिए रो रही थी। पांडवों ने महिला को रोते देख उनसे इसका कारण पूछा तो उन्होंने पांडवों को सारी बातें खुलकर बताई। पूरी कहानी सुनकर पांडवों ने भीम को उस दिन राक्षस के पास भेजने का निर्णय लिया।

एक ऐसा ढोल,जिसका सबंध सीधे महाभारत से है,पूरा सच है हैरान कर देने वाला

गुफा में जाने के बाद भीम और उस राक्षस के बीच घमासान युद्ध हुआ जिसमें भीम की जीत हुई। भीम ने उस राक्षस को मारकर गांववालों को उसके डर से सदा के लिए मुक्त कर दिया। उस दौरान भीम के विजय की याद में इस अग्नि कुंड को प्रज्ज्वलित किया गया था जो आज भी जल रहा है। बता दें ममलेश्वर मंदिर पुरातात्विक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। यहां रखी हुई चीजों के अति प्राचीन होने की पुष्टि हो चुकी है।

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