लाइव हिंदी खबर :- जैसे जीवन एक सत्य है वैसे ही मृत्यु भी एक सच है, इससे कोई इंसान आज तक नहीं बच सका, एक न एक दिन हर किसी को मरना ही है। लेकिन क्या आप जाब्ते हैं अगर जन्म से लेकर मृत्यु के बीच भी एक लंबा सा रास्ता तय करना होता है। जैसा की हम सभी जानते हैं कि जन्म से पहले से ही दिमाग काम करना शुरु कर देता है लेकिन क्या आपको पता है कि जब कोई मरने वाला होता है तो उसका दिमाग कैसे काम करता है?
हर कोई एक सवाल का जवाब जरूर जानना चाहता है और वह सवाल है कि इंसान मरते वक्त आखिर क्या सोचता है? उस समय मनुष्य के मस्तिष्क में क्या चल रहा होता है। हो सकता है इसके बारे में शायद कुछ ही लोगों को पता हो। शायद वैज्ञानिक इसके बारे में कुछ बता पाए लेकिन वह जानकारी भी थोड़ी बहुत होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में वैज्ञानिकों ने इस बात को लेकर एक अध्ययन किया और इसमें मौत के तंत्रिका-विज्ञान के बारे में कई मजेदार और रोचक जानकारियां सामने आई हैं।
बता दें कि, वैज्ञानिकों ने कुछ मरीजों के तंत्रिका तंत्र की बारीक निगरानी की। उन्होनें मरीजों के परिवार वालों से इजाजत ली और उन्होंने अध्यन में पाया कि वैज्ञानिकों ने इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए जितनी जानकारीयां जुटाई हैं वो पशुओं पर किए गए अध्ययन से मिली है। वहीं जिसमें पता चला कि जब किसी की मौत होती है तो शरीर में खून का प्रवाह रुक जाता है और इस वजह से दिमाग में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
यही कारण है कि इस दौरान व्यक्ति के शरीर में सेरेब्रल इस्किमया एक स्थिति पैदा हो जाती है जिससे रसायनिक अवयव कम हो जाते हैं और जिससे दिमाग में इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी पूरी तरह खत्म हो जाती है। बता दें कि वैज्ञानिक द्वारा किए गए इस शोध में यह सामने आया कि 9 में से 8 बेहोश मरीजों की जो कोशिकाएं हैं। वह मौत को टालने की पूरी कोशिश कर रही थी। साथ ही वैज्ञानिकों ने पाया कि दिल की धड़कन तो रुक गई। लेकिन दिमाग की कोशिकाओं और न्यूरॉन अपना काम बखूबी कर रहे थे।