शोधकर्ताओं ने किया था चौंकाने वाला दावा, ताजमहल की नीव में दफन हैं कई राज

लाइव हिंदी खबर :- दुनिया के 7 अजूबों में से एक ताजमहल भारत में स्थित है। ताजमहल को देखने के लिए दुनियाभर के सैलानी आगरा आते हैं। सिर्फ भारत की नहीं बल्कि दुनियाभर में इस अजूबे के करोड़ों चाहने वाले हैं। शाहजहां ने इस महल का निर्माण अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था ऐसे में लोग इस इमारत को प्रेम का प्रतीक मानते हैं, लेकिन बला की खूबसूरती और बेमिसाल नक्काशी वाली ये इमारत अपने अंदर कई राज समेटे हुए हैं।

शोधकर्ताओं ने किया था चौंकाने वाला दावा, ताजमहल की नीव में दफन हैं कई राज

जी हाँ, इस इमारत को लेकर कई तरह की बातें मशहूर हैं और ऐसा कहा जाता है कि ताजमहल के भीतर कई राज दबे हुए हैं जो आजतक किसी के सामने नहीं आए हैं। जानकारी के मुताबिक ताजमहल का निर्माण साल 1631 शुरू करवाया गया था और साल 1653 में ये इमारत बनकर तैयार हो गयी थी। बता दें कि कई शोधकर्ताओं ने ताजमहल पर रिसर्च भी की हुई है और उनके मुताबिक ताजमहल जो दिखता है उससे कहीं ज्यादा है।

दरअसल शोधकर्ताओं के अनुसार ताजमहल बाहर से जितना ऊंचा है ये धरती के नीचे भी उतना ही गहरा है। इस महल का निर्माण करने वालों ने ताजमहल की नीव में भी काफी गहराई तक निर्माण किया है और इसके नीचे तकरीबन 1000 गुप्त कमरे भी बनवाए थे। ऐसा क्यों किया गया था इस बारे में आजतक नहीं पता चल सका है। बता दें कि ताजमहल में कई ऐसे गुप्त रास्ते हैं जो कहां खुलते हैं किसी को भी नहीं पता है।

यह भी कहा जाता है कि ताजमहल की गहराई में जो कमरे बनाए गए हैं उनमें खजाना छिपा कर रखा गया है। लेकिन शोधकर्ताओं ने यह भी बताया था कि इन कमरों के दरवाजों को ईंटों से बंद करवा दिया गया है। ऐसा क्यों और किसने करवाया है ये कोई नहीं जानता है। ऐसा कहा जाता है कि एक बार जब मेटल डिटेक्टर से ताजमहल की जांच की जा रही थी तो जमीन के नीचे किसी धांतु के होने की पुष्टि हुई थी ऐसे में ये दावा किया जाता है कि ताजमहल के नीचे खजाना हो सकता है। खैर ताजमहल में कितने राज छिपे हैं इस बारे में आज तक किसी को भी नहीं पता है।

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